Wednesday, January 20, 2021

Sahaj Yoga(Video)-Part-16,'7th Workshop on Attention' Dalhousie,H.P 29-09-19

"A True Sahaj Medium can never come in between 'Shree Mata Ji and Sahajis"

Friday, January 15, 2021

"Impulses"--544--"बेरोजगारी दिवस"

 "बेरोजगारी दिवस"


"आज का दिन आजाद भारत के इतिहास में काले दिवस के रुप में हमारे देश के समस्त बेरोजगारों के द्वारा पूरे देश में मनाया गया।


पिछले चार वर्षों से आज तक कम से कम 12 करोड़ लोगों की नौकरी जा चुकी है। और इससे भी कहीं अधिक छोटे बड़े उद्योगों के बंद होने के कारण अपना रोजगार गंवा चुके हैं।


इसके कारण हजारों लोग आत्म हत्या करने पर मजबूर होकर असमय काल कवलित हो चुके हैं। आत्महत्याओं का यह सिल सिला प्रतिदिन तीव्र गति से बढ़ता ही जा रहा है।


अतः आज इस भारत के माथे पर लगने वाले बदनुमा कलंक-दिवस पर हम गहन ध्यान अवस्था में अत्यंत पीड़ा के साथ"श्री महा देव" से प्रार्थना करते हैं।


'कि हमारे देश में उत्पन्न इस भयावह बेरोजगारी बदहाली के जनक उन महादुष्ट धूर्त राक्षसों के समस्त सहयोगियों अनुयायियों का सर्वनाश कर दें।


आज इस घड़ी इस पल में हम जैसे साधारण 'श्री बालक' पूर्ण साक्षी भाव पूर्ण निर्लिप्तता की स्थिति में "श्री माँ" से प्रार्थना करते हैं।


'कि समस्त पीड़ित जनों के हृदयों से ऐसे शैतानों, उनके सहयोगियों उनके अनुकरणियों के लिए निकलने वाली समस्त बदुआएँ सार्थक कर दें।


साथ ही 'हम' भी ऐसे नराधमों के भीतर रहने वाले समस्त रुद्रों, देवी-देवताओं गणों के साथ अपनी चेतना को जोड़ कर इन शक्तियों से निवेदन करेंगे।


*'कि ऐसे महा पापियों के शरीरों के अंग प्रत्यंगों को इस प्रकार से नष्ट करना प्रारम्भ कर दें कि ये लोग 20-20 साल तक बिस्तर पर पड़े सड़ते रहें।


किन्तु मृत्यु इनके पास तब तक फटके जब तक ये अपने द्वारा किये गए समस्त कुकर्मो, छल, हत्याओं, षड्यंत्रों, धूर्त्ताओं, गद्दारी पापों के लिए सच्चे पछतावे की अग्नि में "श्री महादेव" से क्षमा याचना कर लें।*


आमीन.......आमीन.........आमीन


हमारा ह्रदय इन लोगों के षड्यंत्रों के चलते अपने देश की दुर्दशा पर खून के आंसुओं से रो रहा है।


हमारे हृदय में इन महाधूर्तों मक्कारों के लिए क्रोध की ज्वालायें धधक रही हैं जो निश्चित रूप से इनके अस्तित्वों को जलाकर भस्म करने को आतुर हैं।


अपनी पढ़ाई पूरी कर चुके हमारे देश के भविष्य के कर्णधारों का वर्तमान भविष्य इन निम्नतम कोटि के लोगों ने स्वाहा कर दिया।


जरा चिंतन कीजिये उन माता-पिता के बारे में जिन्होंने अपने बच्चों की उचित शिक्षा के लिए अपना सब कुछ दांव पर लगा दिया।


जरा चिंतन कीजिये उन अधेड़ अवस्था के लोगों के बारे में जिनको जबरन असमय वी आर एस लेने के लिए मजबूर कर दिया गया और वी आर एस के पैसे तक नहीं दिए गए।


जरा सोचिए उन लोगों को जिनको 50 वर्ष की आयु में जबरन रिटायर करने का दवाब बनाने का षड्यंत्र किया जा रहा है।


हद तो इस बात की है कि अनेको षड्यंत्रों के चलते देश के दो सबसे बड़े लुटेरों की जेब में देश का 90% धन पहुंचाया जा रहा है। ये दोनों मगरमच्छ अपने से छोटे व्यापारियों उद्यमियों को निरंतर निगले जा रहे हैं।


क्योंकि उच्च पदों पर आरूढ़ इनकी कठपुतलियां विभिन्न षड्यंत्रों के तहत देश को निरंतर आर्थिक रूप से कमजोर किये जा रहीं हैं।


ताकि इस देश के मझोले छोटे व्यापारी उद्यमी नष्ट हो जाएं और देश की हर प्रोडक्ट, स्थान चीज पर इन्ही देशद्रोहियों की ही मोहर लग जाये।


कहने को बहुत कुछ है उसे फिर कभी जाहिर करेंगे, किन्तु आज केवल इतना ही। वैसे तो "श्री माता जी" ने अपने 'प्रवचनों' में कहा है, 'कि हम जागृत चेतनाएं किसी को श्राप नहीं दे सकतीं।


किन्तु मानवता को बचाने की खातिर अपने देश को बर्बादियों से बचाने के कर्तव्य की खातिर हम आज इन सभी घिनोने सत्ता धन के लोभियों को वेदनापूर्ण इच्छा के साथ बदुआ देते हैं।


'कि इन सभी नरपिशाचों का शीघ्र ही सर्वनाश हो जाये और ये नरक के कीड़े रेगिस्तानों निर्जन प्रदेशों में रहने वाली जड़ योनि में धकेल दिए जाएं।


और युगों युगों तक रात दिन ये अपने किये कर्मों को कोसते हुए निरंतर पछतावे की अग्नि में जलते रहें। जब ऐसा होगा तभी जाकर इन अति निम्न चेतनाओं की जीवात्माओं के उद्धार होने की संभावनाएं बन पाएंगी।


अब ये बदुआ "श्री माता जी" स्वीकार करें या करें, किन्तु हमारे ह्रदय से तो यह स्वतः ही निकल ही रही है।


सहस्त्रार से जन्में बच्चे होने के कर्तव्य से बंध कर हम एक बात के लिए ऐसे समस्त सहज अनुयाइयों को भी चेताना चाहते हैं जो ऐसे लोगों की अंधभक्ति करते हैं।


अच्छे से समझ लीजिए कि यदि आप लोगों ने ऐसे नकारात्मकता से आच्छादित लोगों का अनुकरण किया सहयोग दिया।


तो सचेत हो जाइए कि समस्त रुद्रों, देवी-देवताओं गणों की गाज आप सभी पर भी पड़ेगी और आप सभी किसी भी प्रकार से बच नहीं पाएंगे।


हमारा हृदय अत्यंत प्रेम वात्सल्य से परिपूर्ण होकर आप सभी से निवेदन करता है कि व्यक्तिवाद की अंध भक्ति को छोड़कर सच्चे ह्रदय से "श्री माँ" की भक्ति में लीन हो जाएं।


तब ही जाकर आप सभी सत्य को पहचान पाएंगे और आप सभी का सही मायनों में कल्याण हो पायेगा।"


-----------------------------------------Narayan

"Jai Shree Mata Ji"

17-09-2020