"विलीनता"
चेहरा क्या देखते हो, दिल में उतरकर देखो न, दिल में उतरकर देखो ना।
चक्रों को क्या देखते हो, चैतन्य को हृदय में, देखो ना-----2
नाडिया क्या देखते हो, धारा में उतरकर, देखो ना-----2
कमियां क्या ढूंढते हो, गुणों में उतरकर, देखो ना------2
लैफ्ट राईट क्या करते हो, " श्री माँ " से जुड़कर, देखो ना-----2
अरे बंधन क्या लगाते हो, "श्री माँ' से बंधकर, देखो ना------2
"श्री माँ" से क्या मांगते हो, समर्पण करके, देखो ना------2
पाना क्यों चाहते हो, हृदय से देकर, देखो ना--------२
प्रतिष्ठा क्यों चाहते हो, चैतन्य में घुलकर, देखो ना-----२
समझाना क्या चाहते हो, स्वम ही समझ कर, देखो ना-----२
दुखों से क्युं भागते हो, हृदय से अपनाकर, देखो ना-----२
स्थूल में क्यों जीते हो, सूक्ष्म में उतरकर, देखो ना------२
चेहरा क्या देखते हो, दिल में उतरकर देखो ना, दिल में उतरकर देखो।
--------नारायण
चेहरा क्या देखते हो, दिल में उतरकर देखो न, दिल में उतरकर देखो ना।
चक्रों को क्या देखते हो, चैतन्य को हृदय में, देखो ना-----2
नाडिया क्या देखते हो, धारा में उतरकर, देखो ना-----2
कमियां क्या ढूंढते हो, गुणों में उतरकर, देखो ना------2
लैफ्ट राईट क्या करते हो, " श्री माँ " से जुड़कर, देखो ना-----2
अरे बंधन क्या लगाते हो, "श्री माँ' से बंधकर, देखो ना------2
"श्री माँ" से क्या मांगते हो, समर्पण करके, देखो ना------2
पाना क्यों चाहते हो, हृदय से देकर, देखो ना--------२
प्रतिष्ठा क्यों चाहते हो, चैतन्य में घुलकर, देखो ना-----२
समझाना क्या चाहते हो, स्वम ही समझ कर, देखो ना-----२
दुखों से क्युं भागते हो, हृदय से अपनाकर, देखो ना-----२
स्थूल में क्यों जीते हो, सूक्ष्म में उतरकर, देखो ना------२
चेहरा क्या देखते हो, दिल में उतरकर देखो ना, दिल में उतरकर देखो।
--------नारायण
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