"Eradication of Different kinds of Fear"
This Blog is dedicated to the "Lotus Feet" of Her Holiness Shree Mata Ji Shree Nirmala Devi who incepted and activated "Sahaj Yoga", an entrance to the "Kingdom of God" since 5th May 1970
Saturday, January 30, 2016
Friday, January 29, 2016
"Impulses"---269
"Impulses"
1) "Why we feel bad, because of the comparison between
two segments of time and why we feel good it is again the evaluation between
past and present.
Because of the memory of our mind. If our files of memory could
be deleted then we would always feel happy.
In meditative mood we hardly get influenced with our past and
all such old files diminishes automatically but slowly with the maintenance of
the Flow of Divine Energy within our Being."
("हमें कुछ भी बुरा क्यों लगता है, क्योंकि हम अक्सर दो अलग अलग समय की घटित हुई घटनाओं की आपस तुलना करते हैं।
और हमें कुछ भी अच्छा क्यों लगता है, क्योंकि हम इस स्थिति में भी भूतकाल व् वर्तमान काल में बीती हुई स्थितियों की गड़ना करते हैं जो की हमारे मन में स्थित स्मृति कोष के कारण हो पता है।
यदि हमारे स्मृति कोष में स्थित स्मृतियों को हटा दिया जाए तो हम सदा प्रसन्न ही रहेंगे। ध्यान की अवस्था में हमारा भूतकाल हमें मुश्किल से ही प्रभावित कर पाता हैं क्योंकि ध्यान के दौरान भीतर में प्रवाहित होने वाली ऊर्जा की धाराएं इस प्रकार की स्मृतियों को अपने आप धीरे धीरे समाप्त करती चली जाती हैं।"
2)”All the information which are saved into our mind can not
become our knowledge when and until we realize them into our Being.
If we use them for the teaching of others then it feels like spending of borrowed money which hardly gives us satisfaction and joy within us as well as for others.
Actually our own experiences and feelings put the essence of Pure Energy because of the realization of inherent truth which has vibration in it which goes into other's internal system and ignites their Deities who expresses happiness which feels like Joy, Peace and Satisfaction."
("जितनी भी सूचनाएँ हमारे मन में संचित हैं वो तब तक हमारे ज्ञान में परिवर्तित नहीं हो सकती जबतक हम उन सभी को अपने भीतर में घटित होते हुए न महसूस कर पाएं।
यदि हम उन सभी सूचनाओं का इस्तेमाल बिना स्वम् अनुभव किये दूसरे लोगों को शिक्षा देने के लिए करेंगे तो ये ऐसा हमें ऐसा अनुभव होगा कि हम उधार लिया पैसा खर्च रहे हैं जिससे कभी भी हमें व् दूसरों को संतुष्टि व् आनंद प्राप्त नहीं हो सकता।
वास्तव में हमारे स्वम् के अनुभवों एवं अनुभूतियों में सत्य का पुट होने के कारण उसमे से पवित्र ऊर्जा का संचार होता है जो दूसरों के सूक्ष्म यंत्र में प्रवेश कर उनके भीतर में स्थित समस्त देवी-देवताओं को जागृत कर देती है और उन सभी देवी-देवताओं की प्रसन्नता उनके भीतर प्रस्फुटित होने वाले आनंद, शांति व् संतुष्टि के रूप में उन्हें महसूस होती है।"
----------------------------------------------------Narayan
"Jai Shree Mata Ji"
·
Sunday, January 24, 2016
Saturday, January 23, 2016
"Impulses"----268
"Impulses"
1) "In this Creation 'Rakshastv' and Devatv', both the
things goes hand in hand, but the ratio of both the things keep on fluctuating
as per the influence of mental instincts of the Human of present time, since
the beginning of the creation.
The Incarnation of 'God' and Sad-Gurus too are coming on Earth
since Evolutionary Time of Human Being to maintain the Equilibrium between both
the Entity."
("प्रभु की इस रचना में राक्षसत्व व् देवत्व साथ साथ ही कार्य करते हैं, लेकिंग दोनों का अनुपात वर्तमान समय में मानव की मानसिक स्थिति के अनुरूप विभिन्न प्रकार के प्रभावों के अनुसार घटता बढ़ता रहता है यह सिलसिला इस रचना के प्रारम्भ से ही चला आ रहा है।
"ईश्वर" व् "सद्गुरुओं" के अवतरण भी इन दोनों प्रकार के अस्तित्वों में संतुलन बनाये रखने के लिए मानव की उत्क्रांति के समय से ही धरती पर लगातार आते ही रहते हैं।"
2) "The working of a True Human Heart is just like
working of a Connected Net Connection, through which we can send so many
messages and mails to all the Divine Powers for the welfare of the whole
creation, we must never set any notion into our mind that, what can we do
alone,
So never miss to convey any kind of messages to 'Almighty' for
the elimination of the existing Evils as well as for the welfare of Good People through your Heart every day by sparing 5
minutes time. Because 'Almighty' always uses Good People for the Extinction of
Evils."
("एक सच्चे इंसान के हृदय का कार्य एक चालू इंटरनेट कनेक्शन की तरह कार्य करता है जिसके माध्यम से हम इस सम्पूर्ण रचना के कल्याण के लिए कई प्रकार के सन्देश व् मेल्स "परमात्मा की शक्तियों" को भेज सकते हैं।इसीलिए हमें अपने मन में ये धारणा कभी नहीं स्थापित करनी चाहिए कि हम अकेले कुछ नहीं कर सकते।
अतः हमें कभी भी अपने हृदय के द्वारा किसी भी प्रकार के सन्देश को "परमपिता"
तक प्रतिदिन 5 मिनट का समय निकालकर भेजने से नहीं चूकना चिहिए जिससे वर्तमान में स्थिति नकारात्मकता का समापन हो सके और साथ ही अच्छे व् भले लोगों का कल्याण हो सके।
क्योंकि "परमात्मा"
नकारत्मकताओं को समाप्त करने के लिए अच्छे लोगों का सदा इस्तेमाल करते हैं। "
-------------------------------------------------------Narayan
"Jai Shree Mata Ji"
Monday, January 18, 2016
Saturday, January 16, 2016
"Impulses"---267
"Impulses"
Happy 'New' Year to all our
Souls
“Nothing is New, Nothing
is Old,
It has been earlier Told,
We have to be little more Bold,
To dive deep into the Ocean of our Heart,
Without caring so many Fold,
Just Enjoy Compassion and Love,
Swimming into this Water of Joyous Cold."
("न तो कुछ नया है, और न ही कुछ पुराना है,
भीतर के हृदय की दुनिया सोने से भरी हुई है,
ये ज्ञानियों द्वारा पहले ही बताया जा चूका है।
हम सभी को थोड़ा बहुत और साहसी होना है,
हमें अपने ही हृदय के सागर में गहरे डुबकी लगानी है,
अनेको अड़चनों व् बाधओं की चिंता करे बगैर।
और हमें इसी वात्सल्य व् प्रेम के सागर में तैरना है,
जिसका पानी आनंददाई शीतलता देने वाला है।
")
---------------Narayan
"Jai Shree Mata Ji"
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