"शब्द "
"शब्द तो "उसकी"
जुबां होते हैं,जब हम "उसके" तलबगार होते हैं,
शब्द ही छुरी तलवार होते है, जब हम मन के कगार होते हैं,
शब्द ही मीठी बयार होते हैं, जब हम 'राही-ऐ-प्यार' होते हैं,
शब्द ही उलझाये शब्द ही सुलझाये, ये हमको जिंदगी की हकीकत से मिलवाए,
शब्द ही आग और शब्द ही पानी, नहीं है दुनिया में इनका कोई सानी,
शब्द ही गिरावें और शब्द ही उठावें, दुनिया में यही तहलका मचावें,
शब्द ही रोना शब्द ही हसना, शब्द ही जीना और शब्द ही मरना,
शब्द ही डुबोवें शब्द ही उबारें, शब्द ही छुपे हुए "खुदा" को उघाड़ें,
शब्द ही जिंदगी शब्द ही बन्दगी, शब्द ही हैं इन्सां की तिशनगी,
शब्द ही अँधेरा शब्द ही उजाला, ना हो सके कभी इनके बिन गुजारा,
शब्द ही ख़ामोशी शब्द ही बेहोशी, शब्द ही है इक खूबसूरत मदहोशी,
शब्द ही जागें शब्द ही सोएं, शब्द की ही वजह से ये जिंदगी रोये,
शब्द ही हसीं शब्द ही उदासी, शब्द ही बन जाए गले की फांसी,
शब्द के बिन है ये दुनिया अधूरी, शब्द के बिना न हो ये जिंदगी पूरी। "
-----------------------------------------------Narayan
"Jai Shree Mata Ji"
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