"इश्क"
"इश्क" होता है जिन्हें,
वो बड़े खुशनसीब होते है,
"अल्लाह ताला" के वो हकीकत में, बेहद करीब होते हैं,
इश्क, इश्क नहीं, तोहफा है "मालिक" का,
इश्क, इश्क नहीं सलीका है बस 'इबादत' का,
इश्क, 'गुफ्तगू-ऐ-खुदा', इश्क बन्दगी है,
इश्क एक 'जुनून', इश्क एक 'तिशनगी' है,
इश्क एक हसीन ख्वाब, इश्क ही जिंदगी है,
इश्क की महरुमीयत, दिल की सिर्फ तंगदिली है,
इश्क एक मौज, इश्क एक दरिया है,
अरे इश्क ही 'जन्नत' में बने रहने का, एक अकेला जरिया है,
इश्क है संजीदगी, इश्क है एक वायदा,
इश्क ही तो है हर एक दिल को जोड़ने का एक कायदा,
इश्क ही जन्नत है, इश्क ही मन्नत है,
इश्क ही टूटे हुए दिलों की, करता मरम्मत है,
इश्क है रूहानी, ये जज्बा है तूफानी,
इसके बिन नहीं है किसी भी 'रूह' की 'रवानी',
इश्क की गलियों से जो गुजर नहीं पाता है,
हर वो शख्स मायूसी में ही अपना हर लम्हा बिताता है,
इश्क कोई मजाक नहीं, इश्क कोई खेल नहीं,
गर इश्क न हो तो सारी कायनात में कोई मेल नहीं,
इश्क को दिल्लगी समझने वाले,
बड़े ही बद नसीब होते,
अपनी बेशकीमती 'आमद' को वो यूँ ही जाया करते हैं,
इश्क बिना ये जिंदगी है, बेमानी,
इसके जैसा नहीं है दुनिया में कोई सानी।"
---------------------------------------Narayan
"Jai Shree Mata Ji"
'अनुभूति'-45
(08-05-19)
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