"'राष्ट्र-हित-चिंतन'"
"पिछले कई माह से देखने में आ रहा है कि देश के बहुत से लोगों के बीच ईवीएम की विश्वसनीयता को लेकर जोर शोर से चर्चाएं चल रहीं हैं व शोशल मीडिया पर कुछ वीडियोज भी चल रहे हैं।
हालांकि इस चेतना की रुचि कभी भी राजनीति में नहीं रही है किंतु अपने देश के हित के प्रति हमारा सदा रुझान बना ही रहा है। इसीलिए नोटबन्दी के बाद से इस चेतना का चित्त हमारे देश के बद से बदतर होते हालातों पर निरंतर बना हुआ है।
और इस चेतना के अंतःकरण में अनुभव हो रहा है कि हमारा देश सामाजिक, नैतिक, आर्थिक स्तर पर बहुत तेजी से पतन की ओर अग्रसर हो रहा है।
अतः इस नागरिक ने ईवीएम से सम्बंधित शोशल मीडिया पर उपलब्ध वीडियोज व सूचनाओं का पिछले तीन चार माह से काफी अध्यन किया है।
एवं अपने स्तर पर भी IT Experts से जानकारी भी हांसिल की है जिससे कुछ तथ्य निकल कर आये हैं जो ईवीएम में की जाने वाली कई प्रकार की धांधलियों की ओर ही संकेत कर रहे हैं।
जिसके कारण पता चला कि अक्टूबर 2013 में सुप्रीम कोर्ट ने बीजेपी नेता श्री सुब्रमण्यम स्वमी जी के द्वारा ईवीएम के इस्तेमाल के विरोध में डाली गई याचिका पर ईवीएम की पर्चियों के 100% मिलान का आदेश दे दिया था।
किन्तु सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन न तो 2014 के लोकसभा व राज्यसभा चुनाव में हुआ और न ही 2019 के लोकसभा चुनाव में हुआ।
हमारे निष्पक्ष अवोकन में निकल कर आया है कि चुनाव जीतने के लिए निम्न प्रकार से ईवीएम का दुरुपयोग किया जा सकता है:-
1.पोलिंग बूथ के 100-200 मीटर के दायरे में किसी गाड़ी अथवा किसी पास के घर में PCB एवं Transmitters लगाकर Lap Top व विशिष्ट यंत्रों के द्वारा मोबाइल टावर की मदद से लोफ्रीक्वेंसी
डाटा ट्रांसमिशन के जरिये ईवीएम का डेटा बदला जा सकता है।
2.ईवीएम में टाइमर के द्वारा चुनाव समाप्त होने के बाद निर्धारित किये गए समय पर वास्तविक डेटा स्वत ही डिलीट कर पहले से ही फीड किया गया डेटा प्रदर्शित किया जा सकता है।
3.चुनाव के बाद ईवीएम के चिप को 90 सैकिंड में अपनी पसंद के प्रिफैड चिप से बदला जा सकता है इसका प्रदर्शन दिल्ली विधान सभा में 2017 को सभी के सामने किया गया था।
4.चुनाव समाप्त होने पर बूथ पर नियुक्त किये गए निरीक्षक के द्वारा ईवीएम में किन्ही कोडिंग के माध्यम से भी डेटा बदला जा सकता है।
5.चुनाव के बाद चुनाव में प्रयुक्त की गई मशीनों को प्रीसैट ईवीएम से बदला जा सकता है।
6.चुनाव अधिकारियों के द्वारा गलत रिजल्ट्स की घोषणा के द्वारा भी धांधली की जा सकती है।
7. वोटों की गड़ना के समय अधिकारियों की मिली भगत से वोटों की वास्तविक संख्या में गड़बड़ करके चुनाव का परिणाम बदला जा सकता है।
गहन अवलोकन के माध्यम से ही उपरोक्त तथ्य इस चेतना के समक्ष आये हैं जिनकी सत्यता इस चेतना को सत्य प्रतीत होती है।
आप भी यदि चाहें तो शोशल मीडिया पर उपलब्ध जानकारियों के माध्यम से ईवीएम से सम्बंधित सत्य को समझ सकते हैं। सारे देश में ईवीएम के विरोध को लेकर सड़कों पर जन आंदोलन चल रहा है।
लोग ईवीएम के प्रयोग को समाप्त करने व वर्तमान सरकार को बर्खास्त तक पुनः बैलेट पेपर से चुनाव कराने की मांग कर रहे हैं।
मजे की बात यह है कि इन सत्य को अनावृत करने वाले तथ्यों की चर्चा न तो टेलीविजन पर किसी भी चैनल के द्वारा दिखाई जा रही है और न ही किसी अखबार में ही किसी भी प्रकार का कोई लेख दिखाई देता है।
यानि पिछले 5 वर्षों से मीडिया के 57 चैनल्स व अखबार सरकार की किसी भी खामी व गलती को उजागर करने के स्थान पर वर्तमान सरकार व सरकार के प्रधान सेवक का महिमा मंडन करने में ही लगे हुए हैं।
जो वास्तव में किसी भी राष्ट्र के लोकतंत्र के ऊपर बदनुमा धब्बा है जिससे अनियंत्रित 'तानाशाही' की दुर्गंध ही आती है।
आप सभी को जानकर आश्चर्य होगा कि इस बार लोकसभा सांसदों में 43% यानि 233 सांसदों पर विभिन्न प्रकार के अपराधों के आरोप लगे हुए हैं जिनके मामले अदालतों में चल रहे हैं।पिछली बार यह आंकड़ा 34% का था।
गत तीन दिन पूर्व 'लोकतंत्र' की 'तेहरावीं' के 'शुभ अवसर' पर 'रस्म पगड़ी' का उत्सव बड़े हर्षो उल्लास के साथ मनाया गया।
लोकतंत्र को समर्पित कुछ सूत्रों के हवाले से बताया जाता है कि कुछ पथभ्रष्ट सन्तानो के द्वार रचे गए एक सुनियोजित षड्यंत्र के चलते ईवीएम नामक हथियार के द्वारा 71 वर्षीय लोकतंत्र पर 7 बार घातक हमले किये गए थे।
इस हमले से बुरी तरह घायल होकर लोकतंत्र मरणासन्न अवस्था में पहुंच गया था और आखरी हमले के चौथे दिन यानि 23-05-19
के दिन सांयकाल के समय उसने अंतिम सांस ली।
हम सभी "प्रभु" से प्रार्थना करते हैं कि लोकतंत्र की 'आत्मा' को अपने चरणों में स्थान देकर उसकी आत्मा को शांति प्रदान करें। एवम इसके अनुयाइयों व चाहने वालों को ढाढस देकर उनके हृदयों को सांत्वना भी प्रदान करें।
साथ ही हम सभी सच्चे हृदय से "श्री माँ" से प्रार्थना करेंगे कि 'लोकतंत्र' की 'आत्मा'' को हमारे देश में पुनर्जागृत कर हमारे देश भारत का कल्याण करें।
इसके अतिरिक्त "श्री महा काली" से भी निवेदन करेंगे कि सत्ता के लोभ से ग्रसित होकर हमारे देश भारत की सम्प्रभुता, स्वायत्ता, स्वतंत्रता को नष्ट करने वाले,
'इसके' साथ छल करने वाले व इसके साथ खिलवाड़ करने वाले सभी देशद्रोहियों व गद्दारों को पूर्णतया अनावृत कर कठोरतम दंड के माध्यम से उनका सर्वनाश कर दें। ताकि भविष्य में कभी भी कोई भी लोभी इस प्रकार के प्रयास की सोच भी न सके।"
--------------------------Narayan
"Jai Shree Mata Ji"
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