"Impulses"
"Some of us often repent and some times we curse
ourself for committing mistakes which we had done in our past. Did we ever try
contemplation to understand those Past-Mental disposition of our mind which
was liable to make ourself doing the things which are being counted as mistake
after analysis and evaluation ?
Perhaps those were not mistakes in the Eyes of 'Divine', He gave
such kind of instinct into our mind to do what was influencing our consciousness to
balance some debts and Credits of our previous Births at that time.
Actually "He" is the Director of this Great Episodes
of Human Lives, "He" make us do what "He" wants to infuse some interest
in 'His' Great Show of this 'Creation. So just try to go beyond all kinds of
Negative and Self Destroying Regressive' Thinking and enjoy present moment of
'His' Play with great charm and Zeal."
(हम में से कुछ लोग अक्सर अपने भूतकाल में की गई गलतियों के लिए स्वम् अपने को कोसते हैं और बहुत पछतावा करते हैं। क्या हमने कभी अपनी भूतकाल की उस मानसिक स्थिति को समझने के लिए चिंतन किया है जो हमारे द्धारा किये गए सभी कार्यों के लिए जिम्मेदार थीं जो बाद में विश्लेषण व् आंकलन करने के बाद गलतियां मानी गईं।
शायद वो "परम" की निगाह में गलतियां नहीं थीं। "उन्होंने" ही हमारे मन में उस प्रकार के कार्य करने की प्रेरणा दी कि जो हमारी जागृति को प्रभावित कर रहे थे ताकि हमारे पूर्व जन्म के कर्ज व् उधार चुकता हो सकें।
वास्तव में "परमात्मा" मानवीय जीवनों के महान 'एपिसोड' के निर्देशक हैं। "वही " हमें उन सभी कार्यों को करने के निर्देश देते हैं जो वो चाहते हैं जिससे "उनकी" इस रचना के "महान नाटक" में कुछ रुचियाँ डाली जा सकें।
अतः सभी को समस्त प्रकार की नाकारात्मक व् स्वम् को नष्ट करने वाली पछ्तावों की सोचों से परे जाने का प्रयास करना चाहिए और "उनके" इस नाटक के वर्तमान क्षणों का पूरी रूचि व् उत्साह के साथ का आनंद उठाना चाहिए। "
---------------------------------------Narayan
"Jai Shree Mata Ji"
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