"Impulses"
Few are walking and few are sitting some where on this
Ship, some are looking towads North and some are enjoying South and getting
different kinds of experiences.
All are being taken by "Shree Mata Ji" through this
Ship towards one direction, e i none other than Salvation and Redemption.
What is the use of the running on this Ship to cross
others by having the feeling of competition ?
Why is there any criticism ?
Why not all of us should enjoy the experiences and
feelings of each others on this Ship."
("सहज
योग एक बहुत
बड़ा पानी का
जहाज है, जिस
पर "श्री माँ"
की अनुकम्पा से
समस्त सहस्त्रार से
जन्मे बच्चे बैठाये
गए हैं।
कोई कहीं बैठा
है, कोई कहीं
टहल रहा है।किसी
का मुख उत्तर
की ओर है
तो किसी का
मुख दक्षिण की
ओर।सभी बच्चे अलग अलग
प्रकार के अनुभव
का आनंद उठा
रहे हैं।
सभी को "श्री माँ"
के द्वारा जहाज
के माध्यम से
एक ही दिशा
की ओर ले
जाया जा रहा
है।जो केवल मुक्ति
व् निर्वाण के
अतिरिक्त कुछ और
नहीं है।
अत: जहाज पर
दौड़ लगाकर एक
दूसरे से आगे
निकलने कि प्रतिस्पर्धा
क्यों ?
एक दूसरे की आलोचना
क्यों ?
क्यों न हम
सभी जहाज पर
बैठ कर एक
दूसरे के अनुभवों
व् अनुभूतियों का
आनंद उठायें।")
2)"प्रभु"के सनिग्धय
में किया गया
चिंतन सीढ़ियाँ चढ़ने
के सामान होता
है जो हमको
'संतोष' रूपी छत
पर पहुंचा देता
हैं।
जहाँ पर निरंतर
बहने वाली 'आनंद
रूपी' बयार हमारी
चेतना व् अंतर्मन
को सदा प्रफुल्लित
रखती है चाहे
वीपरित परिस्थितियां ही क्यों
न हमारे जीवन
में चल रहीं
हों।
जैसे हम एयर
कंडीशंड कार में
सफ़र कर रहें
होते हैं तो
बाहर की भीषण
गर्मी का असर
हमें नहीं हो
पाता और यात्रा
अत्यंत सुखद व्
रोचक लगती है
।"
("Contemplation is just like climbing stairs which
takes us to the 'Roof of Satisfaction'.If it is done in the presence of
"God".
The 'Breeze of Joy' flows continuously at this roof which
exhilerates our Awareness and 'Internal-Manah'(Mind) in spite of going through
adverse situation and circumstances into our life.
If we travel into an Air Conditioned Car then we could
not be affected even with the scorching Sun but we will enjoy our journey with
great interest.")
------------------------------------Narayan
"Jai Shree Mata Ji"
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