"वायब्रेशन चैकिंग"
"अक्सर हममे से कुछ सहजी आपस में बात करतें है कि, हम अमुक स्थान पर अमुक सहजी के घर गए तो वहां पर वायब्रेशन बहुत ख़राब आये'। वास्तव में वो ये भूल जाते हैं कि उस वक्त उनका चित्त कहाँ है।
ऐसा अक्सर होता है कि सहजी का शरीर तो वहां पर होता है पर उसका चित्त किसी विचार में कहीं खोया होता है, या किसी स्थान विशेष या व्यक्ति विशेष से चिपका होता है। और उन्ही विचारों, स्थान या व्यक्ति से जुड़े होने पर जिस प्रकार के भी वायब्रेशन आते हैं वो चित्त के लिप्त होने के कारण ही आ रहें होते हैं।
किन्तु बेख्याली में हम उन वाइब्रेशन को उस सहजी के घर या स्थान विशेष का मान कर निष्कर्ष निकाल लेते है और उसी भ्रामक निष्कर्ष की चर्चा आपस में करते हैं। तो सदा चित्त के मामले में अलर्ट रहे वर्ना गलत निष्कर्ष निकलेगा व सही तथ्य नहीं मिलेगा।
चित्त एक सेकेण्ड के दस हजारवें भाग से भी अधिक तीव्र गति से चल सकता है व पता ही नहीं चलता कि कहाँ भाग गया। इसीलिए सदा चित्त का पीछा करे व उसको पकड़-पकड़ कर उस स्थान पर वापस लायें व् अपने सहस्त्रार व् मध्य हृदए की ऊर्जा को महसूस करते हुए उक्त सहजी के घर पर चित्त रखें। केवल इसी जागरूक अवस्था में ही उस घर के या स्थान के सही वायब्रेशन पता किये जा सकते हैं।"
----------------------------------------------------Narayan
"Jai Shree Mata Ji"
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