"भावनाएं एवं संवेदनाएं"
"भावनाएं मन जनित होती हैं जिनके कारण हमारी चेतना में भ्रम की स्थिति उत्पन्न हो सकती है।
जिसकी प्रतिक्रिया
स्वरूप हमारा मन अवसाद अथवा रोष से आच्छादित हो सकता है जिसका प्रतिकूल प्रभाव हमारे निर्णयों व व्यवहार पर आ सकता है।
जबकि संवेदनाये हृदय से ही उत्पन्न होती हैं जो हमें सत्य की ओर ले जाते हुए हमारी जागृति को और भी ज्यादा पुष्ट करती हैं।
जिसके परिणाम स्वरूप हमारा हृदय आनंदित व प्रसन्न होकर हमारे भीतर आल्हाद व उल्लास को उत्पन्न करता है।
जिसके फलस्वरूप हमारे हृदय से समस्त सुपात्रों के लिए भेद भाव रहित प्रेम व वात्सल्य प्रवाहित होने लगता है।"
---------------------------Narayan
"Jai Shree Mata Ji"
01-06-2021
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