"मृत्यु"-'एक नए जीवन का आरम्भ'
"पंच तत्व निर्मित शरीर की मृत्यु उस शरीर में घटित होने वाले 'जीवन की मृत्यु' नहीं बल्कि एक नए आयाम से परिपूर्ण जीवन का आरंभ है।
जिस आयाम को त्रिआयामीय अस्तित्व पर आश्रित आम मानव न तो समझ सकते हैं और न महसूस ही कर सकते हैं।
दिक्कत यह है कि इस सत्य का आभास आम चेतना के मनुष्यों को केवल और केवल प्राण निकलने की प्रक्रिया के दौरान ही हो पाता है किन्तु इस अनुभव को व्यक्त करने की स्थिति में वे रह नहीं पाते।
इस तथ्य का एहसास केवल गिने चुने गहन ध्यान अभ्यासी ही अपने शरीर में जीवित रहते हुए कर पाते हैं।
इसीलिए आम मनुष्य स्थूल शरीर के जीवन को ही एक मात्र जीवन समझ कर इसके खोने के भय से सदा भयभीत रहते हैं।"
-----------------------Narayan.
"Jai Shree Mata Ji"
02-06-2021
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