"Impulses"
1) “Spontaneity reveals the real truth, thinking conceals it,
because thinking always comes from our mind which contains out dated data and
truth comes from our heart which always keep on updating from the Divine
through our Spirit.”
("अपने स्वयं के भीतर से यकायक, स्वतः ही उत्पन्न होने वाले विचार सत्य को प्रगट करते हैं जबकि सोच-विचार सत्य को ढक लेता हैं क्योंकि हमारे ज्यादातर विचार हमारे मन से आते हैं जो पुरानी सूचनाओं पर आधारित होते हैं।
जबकि सत्य हमारे हृदय से प्रस्फुटित होता है जो की सदा हमारी 'आत्मा' के माध्यम से "परम" के द्वारा अपडेट होता रहता है। ")
2) “Divine power plays the role of a Bonding Agent to keep
‘Her’ best creation like human connected and tied with each other in the form
of Compassionate and Affectionate Beautiful Relation to maintain a harmonious
balance.”
("दिव्य शक्तियां 'परमात्मा' की सर्वश्रेष्ठ रचना, मानव को आपस में एक दूसरे के साथ संपर्क बनाये रखने व् वात्सल्य व् प्रेम के माध्यम से एक दुसरे के साथ निर्वाज्य प्रेम से ओतप्रोत सुन्दर रिश्तों का निर्माण कर एक आनंद दाई संतुलन बनाये रखने वाले एक पदार्थ का रोल अदा करतीं हैं।
")
3) “All kinds of thoughts and notions of our mind are just
like different streams and rivers which usually merges into the Ocean of Heart
finally.”
("सभी प्रकार के विचार व् धारणाएं जो हमारे मन से उत्पन्न होते हैं एक नदी की विभिन्न धाराओं के सामान होते हैं जो अंतत: हृदय रूपी सागर में समां जाते हैं।")
4) "We must convey our Heartiest thanks to 'Darkness'
which high lighten 'Light' before us so that we could adopt it and utilize it
for moving on the right path."
("हमें 'अन्धकार' को हृदय से धन्यवाद देना चाहिए जिसने हमारे जीवन में हमरे समक्ष 'प्रकाश' को उजागर किया ताकि हम 'उजाले' को अपना सकें और इसका उपयोग सही मार्ग को को चुन उस पर चल सकें।")
-----------------------------------------------------Narayan
"Jai Shree Mata Ji"