"अनैतिक धनार्जन शारीरिक कष्टों का कारक"
"हममें से क्या बहुत से लोग जानते हैं कि हमारे शरीर के मुख्य अंग किडनी,लिवर व पैंक्रियाज केवल गलत खान-पीन/ दिनचर्या व ऋतुचर्या से ही खराब नहीं होते।
*वरन यह गलत तरीके से धनार्जन करने यानि, भ्रष्टाचार/चोरी/डकैती/छल/धोखा/सूदखोरी(वृद्ध व महिलाओं को छोड़कर)/किसी सेवा के बदले अनाप शनाप धन लेने/धर्म,ध्यान व "ईश्वर" के नाम पर पैसे कमाने/पेशे के नाम पर लोगों को लूटने/डरा-धमका कर धन वसूलने/अत्याधिक लाभ कमाने/स्वार्थपूर्ति के लिए तांत्रिक क्रियाओं व भूतों का आव्हान करने आदि के द्वारा भी उपरोक्त अंग खराब हो सकते हैं।*
क्योंकि इन मुख्य अंगों की देखभाल का दायित्व हमारे शरीर में स्थित "श्री सरस्वती" व "श्री ब्रहम्मा जी" पर होता है।
*"माता सरस्वती" हमको सही रास्ते से अपनी जीविका को अर्जित करने का ज्ञान देती हैं और "पिता ब्रह्मा" हमको रचनात्मकता की शक्ति व सामर्थ्य प्रदान करते हैं ताकि हम सही तरीके से अपने भोजन का प्रबंध कर सकें।*
जब कोई मानव इनके द्वारा दिए गये ज्ञान व क्षमताओं का दुरुपयोग करता है तो ये 'दोनों' ही नाराज हो जाते हैं और चेतावनी स्वरूप उपरोक्त अंगों को खराब करना प्रारम्भ कर देते हैं।"
---------------------------------Narayan
"Jai Shree Mata Ji"
16-12-2020
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