"नवकल्प प्रक्रिया"
"इस स्थूल जगत में हमारी आंखों से जो भी दिखाई देता है वह परिवर्तन शील है क्योंकि उसकी एक सुनिश्चित आयु होती है।
यह नियम कालावधि पर भी लागू होता है जो तीन प्रकार की गति करती हुई पृथ्वी के द्वारा सूर्य की परिक्रमा पूर्ण करने पर एक वर्ष के रूप में जानी जाती है।
यूं तो यह क्रम युंगो से अनवरत चल रहा है तो आखिर पृथ्वी के हर चक्कर पर नया क्या है ?
जिसके लिए हम सभी जनवरी या अप्रैल के प्रारम्भ में ऋतु परिवर्तन के समय एक दूसरे को नववर्ष की बधाइयां देते है।
वास्तव में पृथ्वी के अतिरिक्त अन्य ग्रह भी सूर्य के चक्कर लगाते है, जिनके कोण पृथ्वी के निकट आने पर हर परिक्रमा पर परिवर्तित होते रहते हैं।
और इस कोणीय परिवर्तन के कारण 'पृथ्वी' पर उपस्थित मानव सहित हर प्रकार के जीवन में स्वाभिक बदलाव आता रहता है।
किंतु मानव के जीवन में एक और सकारात्मक परिवर्तन "प्रभु-साधना" की आवृति व घनत्व के प्रताप से भी घटित होता रहता है। जो इस नक्षत्रीय परिवर्तन के नियम से भी परे होता है।
तो हर बार व हर प्रकार के परिवर्तन के शुभ होने के लिए ही हम सभी एक दूसरे को शुभ कामनाएं प्रेषित करते हैं।
अतः आप सभी को इस चेतना की ओर से घटित होने वाली 'नवकल्प' प्रक्रिया वर्ष 2021 के लिए हार्दिक शुभ कामनाएं।"
--------------------------------------Narayan
"Jai Shree Mata Ji"
02-01-2021
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