Thursday, June 27, 2019

"Impulses"--494--"मानसिक दासता"

"मानसिक दासता"

"हमारे देश के लोगों के आज के मानसिक हालातों को देखते हुए हमारे जेहन में कुछ पुरानी बातें घटनाएं ताजा हो चलीं।

इस चेतना से जुड़े कुछ सहजी इस चेतना से अक्सर कहा करते थे कि जो आप ध्यान से सहज से सम्बंधित बोलते हो वह लिखना भी शुरू करो।

तब हम उनकी बातों को टाल जाया करते थे और कहा करते थे कि कहां तक लिखेंगे इतनी सारी बातें, हमें तो कम्प्यूटर खोलना बंद करना भी नहीं आता।

और वास्तव में कम्प्यूटर में हमारी कभी रुचि भी नहीं थी, किन्तु जब भी उन सहजी से बात चीत होती वे सहजी अपने आग्रह को दोहरा देते।

खैर एक दो सहजियों से कम्प्यूटर खोलना, चलाने का आइडिया लिया और एक सहजी ने ब्लॉग  बनवाने में मदद की और फिर कम्प्यूटर पर ब्लॉग में लिखने का घटना क्रम जून 2010 में बन गया।

इसके एक साल बाद एक सहजी की सहायता से फेस बुक पर अकाउंट बनाया गया किन्तु हमें समझ ही आये कि क्या करें।

जाने किस सहजी ने हमें एक फेस बुक ग्रुप Cool Breeze में ऐड कर दिया और हम उस ग्रुप में अपने अनुभव चिंतन लिखने लगे जो अन्य सहजियों ग्रुप एडमिन को भी पसंद आने लगे।

जो भी हम लिखते तो सभी सहजी यह सोचते कि हम "श्री माता जी" के लेक्चर्स के अंश लिख रहे हैं क्योंकि अक्सर हमसे पूछा जाता था कि यह जो आपने लिखा है वह किस सन के लेक्चर से लिया गया है।

फिर हम बड़ी विनम्रता के साथ झिझकते हुए लिखते कि यह सब हमारे आंतरिक चिंतन अनुभव से प्रगट होता है।

हमारे चिंतन को बार बार जब "श्री माता जी" के लेक्चर्स के अंश समझा जाने लगा तो हमने उस पोस्ट के नीचे अपना नाम लिखना प्रारम्भ कर दिया।

फिर किसी सहजी ने टोका की आप जब लिखते हो तो यह अपने आप ही मान लिया जाता है कि यह आपने स्वयं लिखा है अतः नाम लिखें।

तब हमने उन्हें बताया कि हमारी पोस्ट को "श्री माँ" की पोस्ट समझा जाता है इसीलिए हम अपना नाम नीचे लिख देते हैं। खैर हमने सोचा कि चलो अपना नाम हटा देते हैं और उसके स्थान पर हम 'Contemplation' 'चिंतन' लिखने लगे।

एक दो दिन बाद ही एक सहजी बहन ने ओब्जेक्शन किया कि,Contemplation तो दिमाग से आता है और सहज दिमाग से परे है और इसे पढ़कर सहजी आगन्या में जायेंगे अतः यह सब मत लिखो।

हमने उनको काफी अनुभव कराने का प्रयास किया कि यह सब हमारे हृदय से रहा है किंतु वे नहीं मानी बल्कि नाराज हो गईं।

अतः हमने अपनी पोस्ट पर 'Contemplation' चिंतन के स्थान पर 'Impulses' लिखना प्रारम्भ कर दिया।

कुछ दिन तक किसी ने कुछ नहीं कहा किन्तु एक सहजी ने पूछा कि यह 'Impulses' नाम की किताब कहाँ मिलेगी और इसके लेखक कौन हैं।

अब हम उन्हें कैसे समझाएं कि भीतर के प्रवाह को कोई नाम तो देना होगा जिससे अन्य सहजी बारम्बार प्रश्न करें।

इस सब बातों के चलते एक दिन उस ग्रुप के एडमिन को हमारी एक गहन ध्यान से उदृत पोस्ट अखर गई और वे अपनी नाराजगी प्रगट करने लगे।

हमने उन्हें आंतरिक रूप से काफी समझाने बताने का प्रयास किया किन्तु वे बार बार "श्री माता जी" का हवाला देते हुए उसे गलत ठहराते रहे।

हमने उनसे पूछा कि जो आप बता रहे हैं उसका आपको स्वयं अनुभव है तो वे बिगड़ गए और उन्होंने हमारी वह पोस्ट डिलीट कर दी।

हमने कोई बुरा नहीं माना और इस बात को हृदय से निकाल दिया।जब अगले दिन हमने फेस बुक खोला तो हमें वह ग्रुप कहीं नहीं मिला तो हमने कुछ सहजियों से पूछा तो उन्होंने कहा कि हमतो उस ग्रुप में हैं किंतु लगता है आपको उस ग्रुप से हटा दिया गया है।

हमें चूंकि फेस बुक चलाने की कोई खास समझ नहीं थी तो हमको कुछ ज्यादा पता भी नहीं चलता था।

हमारे हृदय में "श्री माँ" ने कुछ प्रेरणा दी और हमने अपने से जुड़े कुछ सहजियों से सलाह लेकर एक नया फेस बुक ग्रुप बनाया जिसका नाम 'The Mission 1000 SOS' है।

अब हमने अपने उस ग्रुप में लिखना प्रारम्भ कर दिया तो कुछ दिन बाद कुछ सहजी जो उस ग्रुप में जुड़े थे हमारे पीछे पड़ गए कि "श्री माता जी" ने ग्रुप बनाने को मना किया है इस ग्रुप को डिलीट कर दो।

हमने उन्हें बहुत प्यार से समझाने का भरसक प्रयास किया किन्तु उनकी भाषा घटिया से घटिया होती गई यहाँ कि उन्होंने हमारी बिटिया के साथ भी अभद्र निम्न स्तर की भाषा का प्रयोग किया।

हमको धमकी दी जाने लगी, हम यह हृदय में चिंतन करने लगे कि क्या ये सहजी हैं, हमारी बिटिया जो लगभग अपने जन्म से ही "श्री चरणों" में स्थित है वह भी हैरान रह गई।

हमने उसने तो "श्री माँ" की अनुकंम्पा से तब तक केवल और केवल सहजियों में आपसी प्रेम भाव ही महसूस किया था।हम दोनों बड़े ही हैरान थे।

वे लोग लगभग 15-20 दिन तक हमारी हर पोस्ट पर गिरे से गिरे कमेंट करते रहे धमकियां देते रहे क्योकि हमें ग्रुप चलाना उसकी सैटिंग करनी नहीं आती थी।

खैर जैसे तैसे मेहनत कर कर के हमने सैटिंग सीखी चेंज की और उन्हें ग्रुप से रुखसत किया। लेकिन हमारे हृदय पर उन अन्य सहजियों के द्वारा अपने अनुभव लिखने देने की जोर जबरदस्ती अंकित हो गई।

और हम समझ गए कि मनुष्य अपने अहंकार ईर्ष्या का इतना गुलाम है कि वह अन्य इंसान को सदा अपने कंट्रोल में रखना चाहता है और उसकी स्वतंत्रता छीनने को लालायित रहता है।

यदि वे सहजी सांसारिक स्तर पर हमारे साथ ऐसी हरकत करते तो "श्री माँ" की कृपा से हमारे सामने खड़े होने की हिम्मत भी कर पाते।

किन्तु मामला "श्री माँ" के बच्चों से जुड़ा होने के कारण हम किसी को आज भी कुछ नहीं कहते, सोचते हैं कि एक दिन "श्री माँ" स्वयं उनको सद्बुद्धि प्रदान कर देंगी।

यह देख कर हम आज भी हैरान हैं कि आज भी कुछ सहजी वैसे ही हैं, यदि आप किसी भी क्षेत्र से सम्बंधित कुछ भी अपने वास्तविक अनुभव पोस्ट करेंगे।

तो तुरंत उस पोस्ट को बिना किसी वास्तविक अपने स्वयं के अनुभव के, काटने लगेंगे और बहस प्रारम्भ कर देंगे और अपनी समझ को जबरदस्ती लादना शुरू कर देंगे।

कभी कभी तो ऐसे सहजियों को इस प्रकार का व्यवहार करते देखकर लगता है कि जैसे यह लोग मानसिक रोगी हैं जो अत्यधिक हींन भावना से ग्रसित हैं और अपनी भ्रम से परिपूर्ण धारणाओं को टूटता देख आपकी चेतना पर शासन करने को उतारू हो जाते हैं।

यही हाल मोदी जी से प्रभावित लोगों का है, यदि आपने उनकी सरकार की किसी वास्तविक कमी को बता दिया तो बस खैर नहीं। तुरंत बिना सोचे समझे, आपको कांग्रेसी, बसपाई, सपाई, देशद्रोही, राष्ट्रविरोधी का तमगा प्रदान कर देंगे।

ऐसा प्रतीत होता है कि इस प्रकार के भक्त गणों के आगन्या को मोदी जी कंट्रोल कर रहे हैं जिसके कारण वे विवेकशीलता में पूर्णतया कंगाल हो चुके हैं।

अभी कल ही हमारी एक सीधी सच्ची पोस्ट पर हमारे एक सहजी भाई ने तो यहाँ तक लिख दिया कि आप कैसे सहजी हैं जो उनके विरोध में बाते फैला रहे हैं।

और एक दूसरे भाई ने लिखा कि आप पढ़े लिखे लगते नहीं हैं, तो बड़े प्रेम से हमने लिख दिया कि सही पहचाना, हम छटी फेल हैं। मानो सहजी होने का सर्टिफिकेट अब उन्हें ही मिलेगा जो मोदी जी के हर कार्य बात की प्रशंसा करेंगे उनके नाम के जैयकारे लगाएंगे।

कुछ माह पहले तो एक बड़े प्रसिद्ध सहजी ने मोदी जी को "श्री कृष्ण" जी का अवतार ही बता डाला। और एक और सहजी ने उन्हें "श्री हनुमान जी" का अवतरण बता दिया, पर हमने कभी किसी की भी पोस्ट पर मोदी जी से सम्बंधित कोई टिप्पड़ी नहीं की।

हम समझते हैं सभी की अपनी अपनी भावनाएं हैं और समझ है, हमको क्या अधिकार है किसी की पोस्ट पर जाकर उनसे बहस करने का, सबकी वैचारिक आंतरिक स्वतंत्रता का सम्मान होना चाहिये।

कुछ सहजी तो यह पूछने लगे कि आपको मोदी जी क्यों पसंद नहीं है, उनके कार्यों के विरोध में आप क्यों लिखते हैं। हम सभी से यह कहना चाहते हैं कि हम व्यक्तिगत रूप से मोदी जी के विरोधी कभी थे कभी होंगे।

हमने भी 2014 में देश में सरकार में बदलाव को लाने के लिए अपना वोट दिल से मोदी जी को दिया था। मोदी जी के कार्यों का विरोध करने के मुख्य कारण हम नीचे दे रहे हैं:-

उनकी कथनी करनी में अंतर होना,

2014 के चुनाव से पूर्व किये गए सभी वादों पर मुकर जाना,

हर भाषण में झूठ ही झूठ भरा होना,

विपक्ष के लिए अमर्यादित भाषा शैली का इस्तेमाल करना,

प्रधानमंत्री पद की गरिमा को तार तार करते हुए गरिमा विहीन आचरण करना,

देश की वास्तविक समस्याओं दूर करने के स्थान पर पूर्व सरकारों के प्रधान मंत्रियों को रात दिन कोसना

हर बात का दोष उनके ऊपर निरंतर मढ़ना,

पूर्व सरकारों के अच्छे कार्यों का भी सारा श्रेय खुद ही लेना,

अचानक से नोटबन्दी कर सारे देश की जनता को अत्यधिक पीड़ा पहुंचाना,

सारे व्यापारियों को चोर कहना प्रति दिन उनको किसी किसी नियम के नाम पर धमकाना,

देश की जनता को झूठे सपने दिखाना और फिर मुद्दे बदल देना,

लोगों का ध्यान भटकाने के लिए रोज नए नए मुद्दे उछाल कर देश के वातावरण में जहर घोलना,

साम्प्रदायिक दंगे भड़काकर देश के अमन चैन भाई चारे को खंडित करना,

अपने गुरु शिक्षक श्री आडवाणी जी अन्य सीनियरस के साथ छल कर उन्हें निष्क्रिय कर देना,

सेना के जवानों की शहादत का इस्तेमाल अपनी लोकप्रियता बढ़ाने के लिए करना,

समस्त सरकारी मशीनरी, पत्रकारिता, सूचना तंत्र को अपना गुलाम बना कर अपने राजनीतिक स्वार्थ पूरे करना,

3000 से ज्यादा I T Cells के माध्यम से झूठी खबरों को प्रचारित कर आम सर्वसाधारण लोगों का ब्रेन वाश कर उन्हें अपना मानसिक गुलाम बनाना,

शोशल मीडिया पर अपने विरोध में की जाने वाली जनता की प्रतिक्रियाओं को अपने द्वारा पोषित IT Cells के माध्यम से उनकी आवाज को दबाने के लिए गन्दी गन्दी गालियां दिलवाना,

और वर्तमान में समूचे सरकारी तंत्र का इस्तेमाल करते हुए कई तरीकों से EVM Hack करवा कर बदल कर चुनाव जीतना,

यदि मोदी जी में हिम्मत है तो बैलेट पेपर से चुनाव पुनः करवाएं फिर देखें कि चुनाव के नतीजे क्या होंगे, 100 सीट भी इनको मिलने वाली नहीं हैं।

विश्व के ज्यादातर देशों में EVM का इस्तेमाल नहीं किया जाता, जब यह विवादित है और जनता भी चाहती है कि बैलेट पेपर इस्तेमाल हो तो क्यों नहीं जनता की बात मानी जाती।

पुलवामा हमले के दौरान गुपचुप तरीके से कई Air Port अपने चहेतों के नाम गिरवी रख देना,

सभी सरकारी स्वायत्त संस्थानों जैसे C B I, R B I, E D, Election Commission, Income Tax, Supreme Court,

जैसी सम्मानीय संस्थानों तक को येन केन प्रकारेण अपने कंट्रोल में ले कर अपने राजनीतिक लाभ के लिए इनका दुरुपयोग करना,

RTI को निष्प्रभावी निष्क्रिय कर 15-15 महीनों में उसका जवाब दिलवाना,

सारे सूचना तंत्र को अपने कब्जे में लेकर अपनी पसंद की सूचनाएं प्रेषित कराना,

सभी सरकारी प्राइवेट शिक्षण संस्थाओं की फीस में अनाप शनाप वृद्धि करवाना,

यहां तक कि जो TV Cable हम सबके घरों में आता है उसको अपने चहेतों को दिलवा कर उसका किराया दुगना करवा देना,

आम लोगों को तो ये तक नहीं पता है कि दिसंबर 2018 तक ITR संख्या घट कर 4 करोड़ के करीब रह गई है जो 2015-2016 के फाइनेंशियल ईयर में 7 करोड़ 16 लाख थी, जो बड़ी संख्या में बढ़ने वाली बेरोजगारी की कहानी कह रही है,

देश में बंद होने वाली लाखो छोटी छोटी इकाइयां उन लोगों के वर्तमान भविष्य को नष्ट कर रही हैं,

जब से मोदी जी प्रधान मंत्री बने हैं तब से हमारे देश में वास्तव में सबकुछ चौपट होता चला जा रहा है,

लेकिन मजे की बात यह है कि जरखरीद मीडिया के द्वारा बताए जाने वाले आंकड़े बड़े गजब के हैं।उनके हिसाब से हमारा देश दिन दूनी रात चौगुनी तरक्की कर रहा है।

जो भी मोदी जी के कामों के प्रति कोई प्रश्न उठा दे तो उसको तुरंत मोदी जी के गुर्गों के द्वारा देशद्रोही राष्ट्र विरोधी करार दे दिया जाएगा।

हम जानते हैं आज के बाद हम भी उसी श्रेणी में आने वाले हैं।ऐसा प्रतीत होता है मानो मोदी जी ही भारत माता के अवतार बन गये हैं।

कुछ दिन बाद इनके सामने जाने पर मोदी जी का जयकारा लगाना होगा तब ही कुछ बात हो पाएगी। और भी जाने कितनी ही ऐसी बातें हैं मोदी जी की जो हमारे देश को निरंतर हानि पहुंचा रही हैं।

आप सबको शायद मोदी जी के प्रेम के कारण काफी देर से पता लगेगा कि मोदी जी ने पिछले 5 वर्षों में क्या क्या कर डाला है।

जब लोगों को समझ आएगा तो पैरों तले जमीन खिसक जाएगी और सर के ऊपर का आसमान छिन जाएगा।

यदि जानना चाहें तो विभिन्न विषयों पर RTI के द्वारा प्राप्त कुछ रिपोर्ट्स का अध्यन कर लीजियेगा जो पब्लिक डोमेन पर उपलब्ध हैं।

हमने सदा अटलबिहारी जी, आडवाणी जी, कलराज मिश्रा जी, यशवंत सिन्हा जी, अरुण शौरी आदि सुलझे पढ़े लिखे लोगों का सम्मान किया है।

जिन्होंने विपक्ष में बैठकर पूर्व सरकारों को मन मानी नहीं करने दी और ही छल और झूठ की बुनियाद पर सरकार ही चलाई।

सच बात यह है कि मोदी ने बी जे पी की आत्मा को ही मार दिया छल, बल, झूठ, धोखा,बेईमानी का इस्तेमाल कर हमारे देश की उन्नति इस देश के नागरिकों को कंगाली बेरोजगारी की तरफ ही धकेला है।

ये केवल घोषणा चुनाव मंत्री ही रहे और येन केन प्रकारेण अपनी कुर्सी बचाने तानाशाह की तरह राज करने की ही इच्छा रखते रहे हैं।

ये सभी तथ्य हमने दूसरों से नहीं जाने हैं बल्कि पिछले तीन वर्षों से लगातार इनके कार्यों पर अध्यन किया है।

हमारी इनसे कोई व्यक्तिगत, जातिगत पार्टीगत प्रतिद्वंतिता रंजिश नहीं है बल्कि हमारे देश देश के लोगों को अंधकार में धकेलने का विरोध है।

क्षमा करें हम आंख मूंद कर राष्ट्र अहित होने पर भी मोदी जी के जयकारे लगाने वालों में से नहीं हैं।

इन्होंने जो भी देश के साथ देशवासियों के साथ किया है एक एक दिन "दैवी शक्तियां" इनको इनके सहयोगियों को बहुत बड़ी सजा अवश्य देंगीं।

"उनके"प्रकोप से इस धरा किसी भी लोक में कोई बच नहीं सकता, हम अच्छे से जानते हैं।

हम किसी भी तरह की राजनीति राजनीतिक पार्टियों, जात-पात, धर्म, बिरादरी, ऊँचनीच, भेदभाव, हिन्दु-मुस्लिम, सवर्ण-दलित, गरीब-अमीर आदि सोचों के दलदल में नहीं फंसे हुए हैं।

जो भी चीज हमारे चिंतन अनुभव में सामने आती है वही शेयर करते हैं। आप सब भी तो वही शेयर करते हैं जो आपको ठीक लगता है।

ठीक है, हो सकता है मोदी जी को आप अत्यधिक पसंद करते हों किंतु वे देश देश की जनता के सही मायने में हितैषी हों यह जरूरी नहीं।

अब क्या इस शोशल प्लेटफार्म पर कोई बात शेयर करने के लिए पहले मोदी जी को पसंद करने वालों से इजाजत लेनी पड़ेगी।

कि हम ये बात शेयर करने जा रहें हैं कृपया इजाजत दे दीजिए। या फिर जिसे मोदी जी के कार्य सही नहीं लगते वह देश छोड़कर कहीं अन्य देश मे बस जाए।

जरा पूर्ण ध्यानास्थ अवस्था में मन के कोषों की बातों से चित्त हटा कर हृदय में अपनी चेतना को रखकर चिंतन कीजिये, आपके सामने सभी तथ्यों की वास्तविकता उजागर हो जाएगी।

देश हित से सम्बंधित अपनी बातों को आप सभी के समक्ष रखने का मकसद आपके हृदयों को पीड़ा पहुंचाना नहीं है। बल्कि कहीं कहीं अपनी राष्ट्र की पीड़ा व्यथा से आप सभी को अवगत कराना है।

हम किसी भी राजनीतिक पार्टी के तो समर्थक हैं और ही उनका झंडा अपने हाथों में लेकर चलते हैं।

हमारे हृदय में तो "श्री माँ" से जुड़कर केवल और केवल राष्ट्रहित मानव कल्याण के लिए ही निरंतर चिंतन चलता ही रहता है। फिर भी यदि आपकी भावनाओं को हमारे इन उद्गारों से ठेस पहुंच रही हो तो इसके लिए हमें खेद है।"

--------------------------------------------Narayan
......Jai Shree Mata Ji


25-05-19