Saturday, May 28, 2022

"Impulses"--606-- 'दर्प'

  'दर्प


"दीवार पर सजे कंगूरे के 'दर्प' को देख कर दीवार से रहा नहीं गया,

बड़े दर्द में डूब कर दीवार ने कंगूरे से कहा,अरे एहसान फरामोश,जिनके त्यागों मेहनत को भुला कर तू कंगूरा होने के गुरुर में इतना इतरा रहा है,

अपने अहम की हनक एंव अपनी सनक में तू, तेरे को ही सजाने वालों के लिए उल्टा सीधा बोल बोल कर उन्हें बात बात में बदनाम कर रहा है,

जरा होश में , दिमाग खोल के समझ कि तेरी 'औकात' कुछ भी तो नहीं है,

यदि तेरी जहरीली बातों की तकलीफ से मैं जरा सी भी हिली तो तू कुछ ही क्षणों में तुरंत जमीन पर गिरकर चूर चूर हो जाएगा,

तुझको पता है,कि मुझको भी मेरी नींव ने बड़े प्रेम करुणा से थाम रखा है,यदि वो होती तो मेरा भी कोई अस्तित्व होता,

और नींव को भी उस धरा के टुकड़े ने अपने वात्सल्य से अपने हॄदय पर स्थान दिया है,

यदि उस धरा के टुकड़े को पीड़ा हुई तो वह भी अपनी जगह से खिसक जाएगी,

तब उस धरा का सरपरस्त उस नींव दीवार को गिरा कर फिर से एक नई नींव रख देगा।और उस पर एक नई दीवार बना कर तेरे से भी अच्छे नए कंगूरे को उस दीवार पर सजा देगा।

होश में जा अपने अस्तित्व की नगण्यता को जान कर,अपने कर्तव्यों को ईमानदारी से निभाते हुए बदनुमा दाग बनने की जगह इमारत की शोभा बन।

मैं तेरे लिए "परमात्मा" से प्रार्थना करती हूँ कि तुझे कुछ सद्बुद्धि दे दें, अन्यथा तेरी घृणास्पद बातों के कारण मेरा मेरी नीवं का अस्तित्व भी खतरे में पड़ गया है।

तेरी बातों को मैं काफी लंबे अरसे से नजर अंदाज कर रही हूँ, और तेरी बातें मेरी नींव को भी कष्ट दे रहीं हैं।

यदि तू नहीं माना तो मुझे मजबूरी में तुझे गिराना पड़ेगा, यह मेरी तेरे लिए पहली आखिरी चेतावनी है अभी भी सम्भल जा।"


--------------------------------------Narayan

"Jai Shree Mata Ji"


14-02-2021


 

 

Wednesday, May 25, 2022

"Impulses"--605-- "देसी अंग्रेजों का निरंकुश शासन "

 "देसी अंग्रेजों का निरंकुश शासन "

"हमारे देश की आजादी का आंदोलन जब चलना प्रारम्भ हुआ था तब ब्रिटिश हुकूमत भी बड़ी बर्बरता चालाकी के साथ हर रास्ता अपना कर हर प्रकार के आंदोलन को विफल करने का भरसक प्रयास करती थी।

यहां तक कि हमारे ही देश के लोगों के द्वारा,जो उनकी सेना पुलिस में नौकरी किया करते थे,हमारे ही देश की जनता पर जुल्म ढाए जाते थे।

*लेकिन एक समय ऐसा आया जब 1857 में उनकी ही सेना में भर्ती हमारे क्रांतिवीर मंगल पांडे ने विद्रोह कर दिया जिसकी ज्वालायें पूरे देश में उठनी प्रारम्भ हो गईं।*

*90 सालों तक जी जान से संघर्ष करने, अनगिनत कुर्बानियां देने लाखों लोगों का खून बहाने के बाद भारत के नागरिकों को आजादी मिली थी।*

*तब भी हमारे क्रांतिवीरों को यह देख कर बेहद अफसोस होता होगा कि हमारे ही देश के कुछ लोभी,चाटूकार,गद्दार नैतिक रूप से गिरे हुए लोग क्रांतिवीरों के खिलाफ ब्रितानी हुकूमत की साजिशों दमनकारी नीतियों को सफल बनाने में उनका सहयोग किया करते थे।*

*अब देखना यह है कि यह क्रांति कितने काल तक चलेगी ? कितनी शहादतें लेगी, कितना लहू मांगेगी ? इसके चलते कितने गद्दार, मानसिक गुलाम बेनकाब होंगे ?*

*ये देसी अंग्रेज कब तक हमारे देश हमारे देश के नागरिकों को झूठ,फरेब,जुमलों,षड्यंत्रों गलत नीतियों के द्वारा लूट लूट कर खाते रहेंगे ?*

"कितने निर्दोष, ईमानदार इंसाफ पसंद लोगों की और हत्याएं करेंगे ? अपने जुल्म--सितम,अत्याचार गलत नीतियों के खिलाफ आवाज उठाने वाले कितने लोगों को जेलों में भरेंगे ?*

*कब हमारे देश की पुलिस, सुरक्षा बल हमारे देश की सीमाओं के रक्षा प्रहरियों में से सत्य न्याय के रक्षक इनकी बर्बरता,दमन,निरंकुशता,तानाशाही के खिलाफ विद्रोह करेंगे ?*

*कब एक बार फिर से हमारे देश के उच्चकोटि के सच्चे अच्छे देश भक्त संगठित होकर इन काले अंग्रेजों को खदेड़ कर देश से भगा कर हमारे देश में राजनीति से इतर देश को चलाने के लिए एक नई व्यवस्था स्थापित करेंगे ?*

*जिससे हमारे देश के सभी नागरिक इसी देश में आपसी भाई-चारे, सौहार्द, सम्मान, सहयोग,सम्पन्नता, प्रेम शांति के साथ रह सकें हमारे देश को वास्तविक रूप में विश्व गुरु बनाते हुए 'सर्वश्रेष्ठ' लोकतंत्र के रूप में स्थापित कर सकें।*

*ऐसा प्रतीत हो रहा है कि इतिहास एक नए अंदाज में अपने को फिर से दोहराने जा रहा है।*

"परमपिता परमेश्वर" से यह चेतना द्रवित हॄदय,अपार श्रद्धा, अनन्य भक्ति निशर्त समर्पित भाव के साथ प्रार्थना करती है,

कि हमारे देश को बर्बाद करने वाले समस्त षड्यंत्रकारियों, लोभियों, नराधमो,नरपिशाचों,देशद्रोहियों का सर्वनाश कर दीजिए।

ताकि हमारे देश देश के समस्त अच्छे सच्चे नागरिक आत्मसम्मान के साथ अपनी आजीविका अर्जित करते हुए अमन-चैन से रह सकें जो पिछले चंद वर्षों में ही तेजी के साथ नष्ट होता जा रहा है।"

जय हिन्द..................वन्दे................मातरम्  

---------------------------------Narayan

"Jai Shree Mata Ji"


29-01-2021