Friday, April 29, 2022

"Impulses"--599-- "काहे 'को'-'रो'-'ना'- अभिश्राप या वरदान"( भाग-5)

 "काहे 'को'-'रो'-'ना'- अभिश्राप या वरदान"

भाग-5

vi)राष्ट्रीय वैश्विक स्तर पर मानवता,'प्रकृति' "परमात्मा" विरोधी लोगों की कलई खोलने उनको उजागर करने के लिए वरदान:-

इस 'को' 'रोना' काल की मेहरबानी से मानवता, 'प्रकृति' "परमात्मा" प्रेमी लोगों के सामने समस्त प्रकार के महाधूर्त/महामूर्ख/मानसिक गुलाम/विक्षिप्त/विकृत/परले दर्जे के लोभी/पाखंडी/षड्यंत्रकारी/अधर्मी/वास्तविक देशद्रोही/शैतान/राक्षस/नरपिशाच/नरभक्षी प्रवृति के लोग उजागर हो गए।

जिन्होंने मीडिया के माध्यम से आमजन के ब्रेन वाश करने के लिए बारम्बार अनेको प्रकार से महामारी का झूठा प्रचार कर लोगों के मन-मस्तिष्क में इस झूठ को स्थापित किया।और फिर भयभीत लोगों की स्वतंत्रता को नष्ट करते हुए सता बल का प्रयोग करते हुए जबरन लॉक डाउन लगवाया।

और फिर अवैज्ञानिक तथ्यों के आधार पर बिना आवश्यकता के लोगों को अपने मुख पर मास्क पहनवा कर गुलामी की ओर धकेलने का असफल प्रयास किया।

*जरा विचारिये,यदि यह वास्तव में महामारी होती तो सड़कों पर लाशों के ढेर होते और विश्व की आबादी अभी तक आधी रह जाती।*

इस झूठी महामारी के नाम पर जाने कितने बदनसीबों की हत्या कर उनके शरीरों के कीमती अंग, प्रत्यंग निकालवा कर बेच दिए गए।

असंख्य लोगों के शरीरों पर इलाज के नाम पर बिना उनकी अनुमति के जहरीली दवाइयों के एक्सपेरिमेंट किये गए जिनके कारण लाखों लोग असमय कालकवलित हो गए।1

बड़े बड़े धनाढ्य लोगों/नेताओं की हिस्सेदारी वाले हस्पतालों ने इलाज के नाम पर लोगों का जम कर शोषण किया जो आज भी जारी है।

हमारे देश का हाल तो विश्व में सबसे बुरा रहा, यहां तो महानतम 'फकीर जी' ने नोटबन्दी की तर्ज पर तुगलकी फरमान जारी कर मात्र 4 घण्टे के नोटिस पर पूरे देश में अचानक लॉकडाउन लगा दिया जिससे देश के समस्त नागरिकों को अनेको प्रकार से भारी परेशानी का सामना करना पड़ा।

फिर वायरस को भगाने के नाम पर नामी-गिरामी लोगों को डराकर/धमकाकर खूब ताली,थाली बजवाई ताकि मानसिक रूप से गुलाम महामूर्खों की मंडली खुशी खुशी बिना किसी उचित विचार के उनका अंधानुकरण अनुसरण कर सके।

बहुतों ने तो टीनशेड,कनस्तर,डब्बे,ड्रम तक इतने जोर जोर से बजाए कि ऐसा प्रतीत हुआ जैसे कोई भारी भूचाल गया हो अथवा उनके क्षेत्रों में बाघ घुस आया हो।

और उसके कुछ समय बाद इसी वायरस को जलाने के नाम पर विवेकहीनो/अंध व्यक्तिवादियों के द्वारा अच्छी खासी आती हुई लाइट को बंद करवा कर दीपक मोमबत्तियां जलवाईं।

इस प्रक्रिया के चलते अनेको 'मानसिक रोगियों' ने तो पागलों की तरह भागते हुए मशाल जलूस तक निकाल दिए जो ऐसा आभास दिला रहे थे कि 'संक्रमित जॉम्बीज' का हुजूम सड़कों पर अंधा धुंध भाग रहा हो।

कुछ लोगों ने तो अपनी सनक में एक बस्ती को ही जला डाला तो कुछ ने अपने घरों में ही आग लगा डाली।

परले दर्जे के सनकी,क्रूर संवेदना विहीन सत्तासीन नेताओं ने अपने चहेते बहुत बड़े व्यापारियों को आर्थिक लाभ पहुंचाने की खातिर देश के उद्योगों को जबरन लाकडाउन के नाम पर बन्द करवा कर करोड़ों मजबूर मजदूरों को भूखा मरने के लिए छोड़ दिया।

और अपनी जान बचाने के लिए उन मजदूरों को अपने स्थानों को मजबूरी में छोड़कर अपने घर पहुंचने के लिए हजारों किलोमीटर तक पैदल चलना पड़ा जिसके कारण विभिन्न हादसों घटनाओं में 150-200 मजदूर काल कवलित हो गए।

सत्तासीन नेताओं की इन चालों के कारण भारत के लगभग सभी उद्योग बन्द हो गए और उनको बहुत बड़े पैमाने पर भारी आर्थिक हानि उठानी पड़ी जिसके कारण करोड़ों लोग बेरोजगार हो गए जिनमें से 90% लोग आज भी रोजगार विहीन हैं।

इसी बीच सत्तासीन सरकार के इशारों पर नाचने वाले जरखरीद गुलाम मीडिया ने भी इस वायरस को फैलाने का आरोप दूसरे साम्प्रदाय के लोगों पर लगाते हुए खूब साम्प्रदायिक जहर उगला।

और सरकार के IT Cell के हजारों कठपुतलियों ने 'डीप फेक वीडियोज' बना बना कर व्हाट्सएप्प पर झूठे मेसेज डाल डाल कर आम जनता के दिलों में नफरत भरने की पुरजोर कोशिश की जिनका हाथों हाथ खुलासा पर्दा फाश भी होता गया।

हुक्मरानो के इशारों पर देश की पुलिस ने अपने पूरे अमले के साथ भारत में वायरस के नाम पर 'इतनी परेशानी' की घड़ी में भी आम जनता को खूब पीटा चालान के नाम पर जम कर लूटाक़।यह लूट उगाही किसी किसी मद में आज भी जारी है।

हमारे देश की सत्तासीन दो लोगों की सरकार ने महामारी की आड़ में 'पी एम केअर फंड' के नाम पर एक बैंक अकाउंट खोला जिसमें हमारे देश के अनेको उद्योगपतियों, व्यापारियों, फिल्मी सितारो,आम लोगों ने हजारों करोड़ की रकम जमा कराई।

यहां तक कि इस फंड में सरकारी नौकरी पेशा लोगों की एक दिन की तनख्वाह भी जबरन काट कर ट्रांसफर की गई।

जब खोजी पत्रकारों ने उस फंड की डीड चेक की तो पता चला कि यह फंड सरकारी होकर एक प्राइवेट फंड है जिसमें केवल प्रधानमंत्री, गृहमंत्री,वित्तमंत्री रक्षा मंत्री के ही नाम शामिल हैं।

जिसके लेनदेन का पता RTI के द्वारा भी नहीं लगाया जा सकता और ही इसका सरकारी आडिट ही हो सकता है।

इस फंड में कितनी रकम जमा की गई ? इस रकम का क्या हुआ ? वह रकम किस मद में कितनी खर्च हुई ? उसका पैसा कहां गया ?

तो आज तक इस फंड के मालिकों द्वारा इसका कोई हिसाब दिया गया और ही इसके बारे में कुछ बताया ही गया है।

और हमारे देश के 'प्रधान सेवक' ने तो इस वायरस की आड़ में लोकसभा राज्यसभा में विपक्ष को बहस का समय दिए बिना ही ध्वनिमत के द्वारा जल्दी जल्दी अनेको बिल पास करवा दिए।

यहां तक कि वर्तमान शीतकालीन सत्र को कैंसिल तक करवा दिया ताकि वर्तमान में चल रहे 'किसान आंदोलन' की जवाबदेही से बचा जा सके।

मजे की बात यह है कि साहब के निमंत्रण पर दिल्ली दंगे के हालात में उस काल के अमेरिकन राष्ट्रपति को अमरीका में रह रहे भारतीयों की वोटों को दिलवाने की गरज से देश के 100 करोड़ रुपए खर्च कर के 'नमस्ते ट्रम्प' कार्यक्रम के तहत अमेरिकन राष्ट्रपति को उनके 6000 सुरक्षा कर्मियों को बुलवाया गया तो यह वायरस लापता था।

और उसके बाद साहेब के इशारे पर मध्य प्रदेश में विपक्ष की सरकार को गिराकर सत्तापक्ष की सरकार 23 मार्च 2020 तक बनवाई गई तब भी यह वायरस कहीं गया हुआ था।

किन्तु 24 मार्च को यह वायरस अचानक से हमारे देश पर छा गया और हमारे देश को अचानक से बंद कर दिया गया और इसके खौफ को अखबारों, टी वी अन्य मीडिया माध्यमों सख्त नियमो के द्वारा फैला दिया गया।

"हैरानी की बात यह है कि चुनावी रैलियों और चुनावी जन सभाओं में इस वायरस अदृश्य हो जाता है और चुनाव समाप्त होते ही यह वायरस अचानक से प्रगट हो जाते है और इसके चपेट में आने वालों की गिनती एकदम से बढ़ने लगती है।

*हमें तो ऐसा प्रतीत होता है कि इस वायरस ने सबसे बड़े चौकीदार की पार्टी ज्वाइन कर ली है, और यह वायरस उनकी पार्टी का एक जिम्मेदार कार्यकर्ता बन गया है।

जो 'बाबा जी' के बुलाने पर तुरंत दौड़ा चला आता है और जब उनका या उनकी पार्टी का कोई कार्यक्रम होता है तो उनके एक इशारे पर अंडर ग्राउंड हो जाता है।

सच्चाई तो यह है कि यह विश्व के सबसे बड़े व्यापारियों के द्वारा रचे गए एक 'वैश्विक षड्यंत्र' के चलते प्रतिवर्ष बदलते मौसम में होने वाले सर्दी-जुकाम का 'नामकरण' कर इसका भय जबरदस्ती फैलाया जा रहा है।

यदि यह वास्तव में इतना ही घातक होता तो हमारे भ्रष्ट कायर नेता गण अपने घरों से कदापि बाहर ही नहीं निकलते और चुनावी रैली और चुनाव तो बहुत दूर की बात होती।

इसीलिए तो 'महाज्ञानी महा वैज्ञानिक' जी गुजरात प्रदर्शनी में बिना मास्क लगाए घूमते पाय गए जबकि उनके मातहतों समस्त व्यापारियों ने मास्क लगाए हुए थे।

यहां तक कि प्रदर्शनी में मास्क का स्टाल लगाए एक व्यापारी ने इस 'महानतम आत्मा' को मास्क लगाने के लिए कुछ मास्क भी भेंट करने चाहे तो इन उच्चतम चेतना ने तुरंत मना कर दिया, शायद यह भूल गए कि मास्क लगाने का स्वांग करना जरूरी है।

क्योंकि ये महानुभाव अच्छे से जानते हैं कि यह आमजन को आतंकित करने भयभीत करने का एक षड्यंत्र मात्र है।

षड्यंत्र के रचयिता बहुत बड़े व्यापारी धन सत्ता में इतने सबल प्रभावशाली हैं कि इन्होंने विश्व के अधिकतर देशों के लोभी भ्रष्ट राजनेताओं को धन सत्ता के बल पर अपनी कठपुतली बना लिया है।

और विश्व के सबसे बड़े स्वास्थ्य संगठन में अपने चहेते अधिकारियों की भर्ती कर दी है जो भरपूर धन, सुख सुविधाओं उच्च पद के एवज में केवल इनके इशारे पर ही काम करते हैं जिनके अंतर्गत विश्व के लगभग 160 देशों के 'स्वास्थ्य संगठन' कार्य कर रहे हैं।

और इन देशों के 'स्वास्थ्य संगठनों' के द्वारा गम्भीर बीमारियों साधारण बीमारियों से ग्रसित लोगों के ऊपर दवाब बना कर वैज्ञानिक रूप में अनुयुक्त टेस्ट के जरिये यह वायरस थोप कर हर स्तर पर उनका शोषण किया जा रहा है।

यहां तक कि एक्सीडेंट आत्महत्या में मृत हुए लोगों नाम भी इसके संक्रमितों की सूची में डाल कर संक्रमितों की संख्या बढ़ाई जा रही है ताकि लोगों के जहन में इस वायरस का खौफ सदा बना रहे।

सबसे बड़ा स्वास्थ्य संगठन ही इसके बारे में झूठी झूठी कहानियां लगातार फैलाता रहता है जो आज भी इसके नए स्ट्रेन के बारे में फैला दी गयी है।

ताकि अब भय से ग्रसित आम लोग इसकी वैक्सीन के नाम पर केवल ठगे ही जाएं बल्कि इन वैक्सीन में पड़े हानिकारक पदार्थो के जरिये अपने मस्तिष्क को भी प्रतिक्रिया रहित बना कर गलत चीजों को स्वीकार कर इनकी गुलामी करने के लिए बाध्य कर दें।

हालांकि इसकी वैक्सीन के दुष्प्रभाव अनेको लोगों के शरीर पर परिलक्षित होने प्रारम्भ हो गए हैं फिर भी गुलाम मानसिकता के लोग इसे लगवाने के लिए तैयार बैठे हैं।

निश्चिंत रहिये हमारे देश से तो यह वायरस सत्तासीन सरकार के 'सरकार' की मेहरबानी से 2024 के चुनाव तक तो हर हाल में रहने वाला है क्योंकि 'साहेब' ने इस वायरस को अपनी राजनैतिक जोड़तोड़ के लिए खूब भुनाना है।

*जब "श्री माता जी" कई वर्ष पहले ही बता चुकी हैं कि, 'किसी भी वायरस का कोई इलाज नहीं होता है, यह वायरस लेफ्ट आगन्या से निकल कर आते हैं कुछ दिन तक शरीर में रहते हैं फिर अपने आप चले जाते हैं।'*

तो फिर सारे विश्व में इलाज के नाम पर भला क्या किया जा रहा है ?

सच्चाई यह है कि इसके इलाज मास्क के द्वारा ही अधिकतर लोग अत्याधिक बीमार हो रहे हैं और हस्पतालों में दम तोड़ रहे हैं।

जिनकी इम्युनिटी ठीक है वे इसके इलाज के नाम पर दी जाने वाली जहरीली दवाइयों से संघर्ष कर बच जाते हैं किन्तु कमजोर इम्युनिटी वाले मारे जाते हैं।

हमारे देश में तो दो बहुत बड़े व्यापारियों के नामों को आगे करके हमारे देश के दो सत्तासीन बड़े नेताओं के द्वारा वायरस की आड़ में बहुत बड़ा खेल खेला गया।

अत्प्रयाशित लंबे लाकडाउन के द्वारा कुछ बड़े व्यापारियों उद्योगपतियों के कारोबार को पूरी तरह चौपट किया गया।

ताकि ये दोनों मगरमच्छ उन बड़े व्यापारियों उद्योगपतियों के कारोबार को निगल जाएं और उनके माध्यम ये दो बड़े लोभी नेता अनेको प्रकार से लाभान्वित हो सकें।

वही हुआ पचास-साठ हजार करोड़ का सालाना व्यापार करने वाले व्यापारियों उद्योगपतियों को अपने अपने काम धंधे इन्ही दो बहुत बड़े व्यापारियों को औने-पौने में बेचने पड़ गए।

*हमें तो ये चारों लोग 'चंगेज ख़ाँ', मौ.गजनी, मौ.गौरी बाबर नाम के विदेशी आक्रांताओं के पुनर्जन्म ही लगते हैं और इनके अंध समर्थक इनकी फौज के वही हिंसक लुटेरे ही लगते हैं।*

जिन्होंने सैकंडो वर्षों पूर्व हमारे देश पर अनेको बार आक्रमण कर हमारे देश देश के लोगों को जी भर कर लूटा।

और आज भी दो सबसे बड़े सत्तासीन नेता दो बहुत बड़े व्यापारियों के रूप में ये चारों हमारे देश देशवासियों को आर्थिक रूप से खोखला करने में लगे हुए हैं।

इनमें सबसे पहला लुटेरा हत्यारा 'चंगेज खां' था जो इतना क्रूर संवेदन विहीन था कि, 'कहा जाता है कि उसके आक्रमण के दौरान एक स्त्री का बच्चा कुएं में गिर गया तो वह स्त्री रोने लगी,इतने में चंगेज खां वहां पहुंच गया और उसने स्त्री से रोने का कारण पूछा।

जब स्त्री ने कारण बता दिया तो चंगेज खां ने उसे आश्वासन दिया कि वह उसके बच्चे को कुएं से निकाल देगा।यह कहकर चंगेज खां ने अपने लंबे नेजे की नोक को बच्चे के शरीर में घोंप कर उसे बाहर निकाल कर उस स्त्री की गोद में डाल दिया।

ऐसा करने से बच्चे के प्राण पखेरू उड़ गए चंगेज खां ठहाका लगते हुए वहां से आगे लूटने चला गया।

तो यही चंगेज खां एक निर्दयी लोभी वर्तमान प्रशासक नेता के रूप में मौजूद है जिसकी षड्यंत्रों से भरी नीतियों के कारण सैंकड़ो लोगों ने अपने प्राण गंवाए हैं।

और इस निर्दयी संवेदना विहीन मानव शरीर धारी दुरात्मा को कभी कोई फर्क नहीं पड़ा बल्कि इसने आम लोगों की तक्लीफ में सदा ठहाके लगाते हुए केवल अपनी मनमानी ही की है और आज भी कर रहा है।

इसके बाद मौ.गज़नी मौ.गौरी ने हमारे देश पर कई बार आक्रमण किया जो हमारे देश के दो बड़े व्यापारियों के रूप में आज भी हमारे देश देशवासियो को लगातार अनेको रूपों में लूट रहे हैं।

जब हमारे देश में महीनों तक लगे लॉकडाउन के कारण सभी उद्योग व्यापार बन्द हो गए थे तब इन दोनों बड़े व्यापारियों की संपत्ति आय चमत्कारिक रूप से लगातार बढ़ रही थी।

और चौथा आक्रांता बाबर भी बड़े सत्तासीन नेता के रूप में सबसे बड़े नेता के साथ भारत को हर स्तर पर बर्बाद करने की साजिश में शामिल है।

जो विभिन्न अपराधों में लिप्त लोगों को अपने सहयोगियों के रूप में अपनी सत्ता का हिस्सा बनाता चला जा रहा है।

जिनके द्वारा अपनी सत्ता धन बढ़ाने के लिए हर प्रकार के नाजायज कार्य सत्ता की आड़ में करवाये जाते हैं।

ये चारों की चारों मृतसम दुरात्मायें हमारे देश की आत्मा को नष्ट करने की भरसक कोशिश कर रहीं हैं।

कुल मिलाकर इस वायरस काल ने विश्व हमारे देश में मानव आवरण धारी समस्त पिशाचों नरभक्षियों को अनावृत कर हम पर बड़ा उपकार किया है।

धन्य हैं "भ्रांति देवी" जिनकी कृपा से विश्व के सच्चे लोग इन शैतानो को अपनी आंखों से देख पाए अपने विवेक से जान पाए।

हमारे भारत में तो "भ्रांति देवी" ने इन सभी के अहंकारों को इतना बढ़ा दिया कि इन लोगों ने "माँ वसुंधरा" के पुत्रों तक हो हानि पहुंचाने की योजनाएं बना डाली।

ये महामूर्ख महाधूर्त यह भूल गए कि ये 'धरतीपुत्र' कोई और नहीं साक्षात "श्री गणपति" के गणों की सेना है।

जिनके माध्यम से "परमेश्वरी" की अनेको शक्तियां के कार्य करती हैं सभी का पोषण करती हैं और इनका कार्य समय समय पर सक्रिय होने वाली शैतानी आसुरी शक्तिओं का संहार करना भी है।

अब इनके समस्त अत्याचारों पापों के परिणाम मिलने का समय नजदीक रहा है जिसे सारा संसार देखेगा।

जो भी सहज अनुयायी इन दुरात्माओं के अंध समर्थक हितैषी हैं तत्काल प्रभाव से इनकी अंध भक्ति का त्याग कर "श्री चरणों" में निशर्त समर्पित हो जाएं।

अन्यथा आप सभी को भी बहुत भारी विपत्तियों का सामना करना पड़ेगा और इनके सर्वनाश के साथ साथ आप भी नष्ट होने के कगार पर पहुंच जाएंगे जहां से वापस लौट पाना सम्भव नहीं होगा।

समस्त जागृत चेतनाओं को आभास हो ही रहा होगा कि "श्री महा काली" "श्री कल्कि" वर्तमान काल में संहार प्रक्रिया का प्रारम्भ करने वाले हैं।

तो हम सभी जागृत निर्लिप्त चेतनाओं का भी दायित्व बनता है कि अपने अपने यंत्रों को पूर्ण अविचारिता की स्थिति में "श्री कल्कि" "श्री महा काली" को समर्पित कर दें क्योंकि हम सभी के चित्त, चेतना जागृति के माध्यम से ही तो यह महा शक्तियां अपना कार्य प्रारम्भ करेंगी।

अतः हम सभी को इस जाते वर्ष के गुजरने के तुरंत बाद नव वर्ष के आगमन के प्रथम 13 मिनटों में इस दैवी कार्य के लिए गहन ध्यान में बैठना है।

जो भी जागृत चेतनाएं इस कार्य को करने की इच्छा रखती हैं इस अनुपम कार्य में शामिल होना चाहती हैं।

उनसे विनम्र निवेदन है कि 12 बजे से 12 बजकर 13 मिनट तक अपने मध्य हृदय सहस्त्रार को यह कार्य करने वाले समस्त यंत्रो के साथ जोड़कर कार्य करें ताकि हम सभी की सामूहिक ऊर्जा भी इस दैवीय कार्य में अपनी सहभागिता दर्ज करा सके।

तो सर्वप्रथम "श्री माँ" को अपने मध्य हृदय सहस्त्रार में नमन करने के उपरांत हम समस्त देवी देवताओं की शक्तिओं का अपने मध्य हृदय में आव्हान करते हुए तीन मिनट के लिए इन सभी को ऊर्जा/वायब्रेशन के रूप में अनुभव करेंगे।

इसके बाद उस सामूहिक ऊर्जा को अपने मध्य आगन्या पर स्थित तृतीय नेत्र के स्थान पर अपनी चेतना को स्थित कर के कम से कम 1 मिनट के लिए अनुभव करेंगे।

और फिर अपने तृतीय नेत्र के स्थान पर "श्री कल्कि" "श्री महा काली" का आव्हान करते हुए "उनको" इस स्थान पर ऊर्जा के रूप में 2 मिनट तक आभासित करेंगे।

इसके उपरांत हम अपनी चेतना में इन चारों दुरात्माओं के मानवीय स्वरूप को लाकर इनके कपाल पर अपने चित्त को केंद्रित करते हुए।

इनके चारों आगन्या को टारगेट कर, तृतीय नेत्र पर एकत्रित ऊर्जा को इनके कपाल पर 7 मिनट तक प्रवाहित करेंगे ताकि इनके मस्तिष्क में जो भी नकारात्मक प्रभाव हैं वे नष्ट हो सकें।

साथ ही "श्री कल्कि" "श्री महा काली" से प्रार्थना करेंगे कि यदि इनके मस्तिष्क से मानवता, 'प्रकृति' "परमात्मा" विरोधी प्रभाव समाप्त नहीं होते हैं तो "वे" इन सभी का इनके समस्त सहयोगियों के संहार कर हमारे देश देश के लोगों की रक्षा करें।

यह चेतना आप सभी "निर्मल वीरों" को इस धरा पर सतयुग की स्थापना में अपनी अपनी सहभागिता अर्पित करने के लिए पूर्ण हृदय के साथ पुनः शुभकामनाएं प्रेषित करती है।

इस घोर कलयुग में मानवता की रक्षा करने "परमात्मा" के साम्राज्य को बहाल करने का दायित्व केवल और केवल "श्री बालकों" पर गया है क्योंकि बाकी मानव या तो भ्रमित हैं या मानसिक गुलामी में जी रहे हैं।

"श्री परब्रह्म परमेश्वर" आप सभी को आशीर्वादित करें आप सभी "श्री माँ" के सुंदर यंत्रो के रूप में पुष्पसम सदा सुशोभित रहें।"

'आमीन.............आमीन..............आमीन'

-------------------------------Narayan'

"Jai Shree Mata Ji"


31-12-2020