Tuesday, April 12, 2022

"Impulses"--592-- "अनैतिक धनार्जन शारीरिक कष्टों का कारक"

 "अनैतिक धनार्जन शारीरिक कष्टों का कारक" 


"हममें से क्या बहुत से लोग जानते हैं कि हमारे शरीर के मुख्य अंग किडनी,लिवर पैंक्रियाज केवल गलत खान-पीन/ दिनचर्या ऋतुचर्या से ही खराब नहीं होते।

*वरन यह गलत तरीके से धनार्जन करने यानि, भ्रष्टाचार/चोरी/डकैती/छल/धोखा/सूदखोरी(वृद्ध महिलाओं को छोड़कर)/किसी सेवा के बदले अनाप शनाप धन लेने/धर्म,ध्यान "ईश्वर" के नाम पर पैसे कमाने/पेशे के नाम पर लोगों को लूटने/डरा-धमका कर धन वसूलने/अत्याधिक लाभ कमाने/स्वार्थपूर्ति के लिए तांत्रिक क्रियाओं भूतों का आव्हान करने आदि के द्वारा भी उपरोक्त अंग खराब हो सकते हैं।*

क्योंकि इन मुख्य अंगों की देखभाल का दायित्व हमारे शरीर में स्थित "श्री सरस्वती" "श्री ब्रहम्मा जी" पर होता है।

*"माता सरस्वती" हमको सही रास्ते से अपनी जीविका को अर्जित करने का ज्ञान देती हैं और "पिता ब्रह्मा" हमको रचनात्मकता की शक्ति सामर्थ्य प्रदान करते हैं ताकि हम सही तरीके से अपने भोजन का प्रबंध कर सकें।*

जब कोई मानव इनके द्वारा दिए गये ज्ञान क्षमताओं का दुरुपयोग करता है तो ये 'दोनों' ही नाराज हो जाते हैं और चेतावनी स्वरूप उपरोक्त अंगों को खराब करना प्रारम्भ कर देते हैं।"


---------------------------------Narayan

"Jai Shree Mata Ji"


16-12-2020

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