Monday, September 18, 2023

"Impulses"--655--"भारत "-'विभिन्न संस्कृतियों का उपवन '

 "भारत "-'विभिन्न संस्कृतियों का उपवन '

"हमारा 'भारत' महान था,महान है और सदा महान ही रहेगा क्योंकि यह मिलीजुली संस्कृतियों,आस्था,श्रद्धा,विश्वास का एक 'उपवन' है।

जो सदा आपसी प्रेम,सहृदयता, सहिष्णुता,समन्वयता,सामंजस्यता,सहयोग,सरलता,सौहार्द,शांति,अमन,चैन सम्मान के जल से सींचा जाता रहा है और सींचा जाता रहेगा।

जो भी घिनौने स्वार्थी लोग अपनी अनंत अमानवीय लालसाओं को पूरा करने के लिए मानवता,'प्रकृति' "परमात्मा" विरोधी कार्यों षड्यंत्रों के द्वारा इस सुंदर उपवन को 'बबूल की नर्सरी' में परिवर्तित करने का असफल प्रयास कर रहे हैं।

वे इस उपवन का सौरक्षण देखभाल करने वाली "ईश्वरीय शक्तियों" के द्वारा स्वतः ही नष्ट कर दिए जाएंगे जैसे एक किसान अपनी फसल बचाने के लिए खेत में उगे खरपतवारों को उखाड़ कर फेंक देता है।

बस इस 'दिव्य उपवन' में आनंद के साथ विचरण करने वाले हम लोगों को केवल इतना ही करना है कि हमारे आसपास जो भी बबूल नजर आएं उन्हें रेगिस्तान भेजने(बहिष्कार)का प्रबंध करना है।

एक समय आएगा जब सारे के सारे ये बबूल फिर से रेगिस्तान में अकेले अकेले ही खड़े मिलेंगे और हमारा यह उपवन फिर से महकेगा।"


------------------------Narayan

"Jai Shree Mata Ji"


27-12-2021

 

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