Thursday, February 18, 2016

"Impulses--272--"मरना एक कला"

"मरना एक कला"

 "कहते हैं, कि जीना एक कला है,
पर मुझको भीतर में महसूस होता है, 
कि वास्तव में मरना एक कला है।
क्योंकि लोग जी तो मजबूरी में भी लेते हैं, 
पर अच्छे से मरने की नहीं सोच पाते हैं।
जो प्रसन्नता से मरने की तैयारी करते हैं, 
वही तो जीते जी अमर हो जाते हैं।
मरना एक उत्सव के सामान है, 
जिसकी तैयारी के लिए हमें पूरी उम्र मिली है।
लोग जिंदगी जीने के लिए तड़पते हैं, 
जिसकी घटनाएं सुनिश्चित नहीं होती।
जाने क्यों लोग छटपटाते से मरते हैं,
और फिर जिंदगी बार बार लेकर पूरी जिंदगी तड़पते हैं।
तो फिर क्यों अच्छे से मरने की तैयारी करें,
और भरपूर और खुशहाल वर्तमान जिंदगी जियें।
ताकि बार बार जीने की मजबूरी हो,
और ना ही मरने की चिंता ही हो।
तो आओ आज से ही मरने की तैयारी शुरू करें,
और इस खूबसूरत जिंदगी को खूबसूरती से जीकर इसका भरपूर लुत्फ़ उठायें।। "


---------------------------------------------Narayan

"Jai Shree Mata Ji"

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