Monday, November 4, 2019

"Impulses"--510--"आधिपत्यता"

"आधिपत्यता"


"जय श्री माता जी, सभी "श्री माता जी" के "श्री चरणों" में सर झुकाने समर्पित होने वाले "श्री माँ" के अनुयायियों से विनम्र अनुरोध है।
कि चाहे आप देश के किसी पक्ष के अथवा विपक्ष के नेता को पसंद करते हों अथवा पसंद करते हों।

किन्तु हम किसी भी राजनीतिक नेता के चाहे वो पक्ष का हो या विपक्ष का हो, अनुयायी नहीं हैं और ही हमारी राजनीति में कोई रुचि ही है।

हम जैसे मानव तो केवल और केवल जगत जननी "श्री माता जी" के ही अनुयायी हैं और सदा रहंगे कृपया सभी इस बात को अच्छे से आत्मसात कर लें।

और एक बात और कि हम सभी देश के नागरिकों को अपने देश की स्थितियों पर अपनी अपनी चेतनानुसार अपनी बातें विचार इस F B पर रखने की अभी तक स्वतंत्रता अधिकार प्राप्त है।

हो सकता है कि कुछ समय बाद संसद भवन में किसी बिल को बहुमत के द्वारा पास करा कर किसी भी दिन यह अधिकार भी समाप्त कर दिया जाय।

यदि किसी भी व्यक्ति/राजनीतिक सदस्य/सहज अनुयायी को अपनी बात कहनी/बोलनी/लिखनी है तो वह मेहरबानी करके अपनी सभी भावाव्यक्तियों को अपने अपने F B वॉल पर ही लिखने की कृपा करे।

कि किसी अन्य के पोस्ट पर लिखी पोस्ट की गई बातों के ऊपर अपना ब्लड प्रेशर बढ़ा कर। क्रोध आवेश की अवस्था में अमर्यादित भाषा व्यवहार के अधीन उल्टा पलटा लिख कर।

अपनी सोचों का अधिपत्य जमाते हुए अभद्रता के साथ व्यर्थ के तर्क-कुतर्क कर अपने वास्तविक आंतरिक स्तर को सभी के सामने उजागर करें।

क्योंकि ऐसा करने से आप स्वयं अपने स्तर अपनी समझ के साथ साथ "श्री माँ" के अनुयायी होने पर भी प्रश्न पैदा कर रहे हैं।

और एक और निवेदन यह भी है कि यदि हमारे विचार चिंतन आपको पसंद नहीं आता अथवा अनुचित लगता है तो कृपया हमें फ्रेंड रिक्वेस्ट भेजे।

और यदि पहले से ही फ्रेंड हैं तो कृपया हमें Unfriend/Block कर दें किन्तु व्यर्थ का झगड़ा बहस करने की कोशिश करें।

अपनी पिछली पोस्ट में जब हमने हमारी पोस्ट पर अनर्गल लिखने वाली दो महिलाओं को हमारी पोस्ट पसंद करने की दशा में हमें Unfriend का निवेदन किया।

तो उसके ऐवज में उनका कथन पढ़ कर बड़ा हास्यपद लगा कि वे तो हमें Unfriend करेंगी और ही हमारी लिखी बातों पर झगड़ना बंद करेंगी।

यहां तक कि जब हमने उन्हें मजबूरी में Unfriend किया तो उन्होंने प्रतिक्रिया अहंकार स्वरूप हमारे व्हाट्सअप कॉन्टेक्ट पर बहुत भला बुरा लिख डाला।

*जबकि इन बातों से कुछ ही समय पूर्व हमारे मैसेंजर पर अपनी गलत बातों के लिए क्षमा याचना करते हुए यह भी कह रहीं थी कि भईया आप अच्छे सहजी हैं हम आपको खोना नहीं चाहते।*

और वास्तविकता में वह अपने इस मैसेज के विपरीत व्यवहार कर रहीं थीं।अभी मात्र 15-20 दिन पूर्व ही वे हमसे हमारे वगत्सप्प ग्रुप Evil Hunters में जुड़ी थीं।

यदि हम उनकी सभी बातों को यहां पर पोस्ट कर दें तो उनको अपनी उन सभी बातों के लिए सबके सामने अत्यंत लज्जित होना पड़ेगा और वे अपने मित्रों की निगाह में सदा के लिए गिर भी जाएंगी।

जरा सोचिए एक राजनेता को पसंद करने के चक्कर में वह अपनी घोर अज्ञानता वश कितने नीचे जा गिरी की वे मानवता सद आचरण को भूल अपने असली अन्दरूनी स्वरूप में प्रगट हो गईं जो उनकी अपनी परवरिश के स्तर को बता रहा है।

किन्तु हम उनकी निम्न स्तर के मैसेज को यहां पर पोस्ट करके उनके इतना सब हमारे लिए नकारात्मक लिखने के वाबजूद भी उनको तकलीफ नहीं पहुंचना चाहते, समय उनको उनकी बातों के लिए स्वयं जवाब देगा।

क्योंकि ऐसी मानसिकता वालों को उनकी बातों का जवाब देने के लिए हमारे पास तो समय है, रुचि है और ही हम किसी भी कारण से बाध्य ही हैं।

यह सब देखकर बड़ा ही आश्चर्य होता है कि किस प्रकार लोग अपनी बातों को अन्यों पर थोपने के लिए जबरदस्ती कर रहे हैं।

*यह इस प्रकार की जबरदस्ती यहां तक कि गाली गलौच तक पिछले कुछ वर्षों से शोशल मीडिया पर सरकार से प्रश्न करने वालों अपनी बातें शेयर करने वालों को लगातार देखने को मिल रहीं हैं।*

ऐसा प्रतीत होता है कि इस प्रकार से अन्य लोगों के विचारों पर अपनी समझ का शासन जमाने वाले लोग शायद मानसिक रूप से पूरी तरह रुग्ण हो चुके हैं।

*हैरानी तब और भी बढ़ जाती है जब "श्री चरणों" की वंदना करने वाले लोग 'आगन्या स्तर' पर "श्री माता जी" की बातों से प्रभावित होकर किसी अन्य की राजनीतिक विचार धारा से संचालित होकर तहजीब, भाषाई भद्रता सामान्य संतुलित व्यवहार भूल कर अपने सहज सहजियों के साथ ही शत्रुता पूर्ण व्यवहार करने लग रहे हैं।*

यह सब देखकर अत्यंत अफसोस होता है कि किसी राजनेता की राजनीतिक विचार धारा के प्रभाव से ग्रसित होकर कुछ सहज-अनुयायी सदभाव सद्व्यवहार भी त्याग चुके हैं।

चलिए कोई नहीं इसका एक अन्य पक्ष भी है और वह है छंटनी, जिनको हमारी बातों से तकलीफ होती है वे सभी इस बहाने स्वत् ही हमारी चेतना से दूर हो जाएंगे।"

------------------------------------Narayan

"Jai Shree Mata Ji"



No comments:

Post a Comment