Thursday, July 22, 2021

"Impulses"--550-- 'बाह्य-धर्म एक बाधा'

 'बाह्य-धर्म एक बाधा'

"जब तक हम किसी भी 'बाह्य-धर्म' तक सीमित हैं तब तक "परमात्मा" से जुड़ नहीं सकते।

क्योंकि "वे" 'धर्मातीत' हैं,"उनसे" जुड़ने के लिए हमें सभी धर्मों से ऊपर उठ 'मानव-धर्म' में स्थित होना होगा।

जितने भी धर्म हमें अपने चारों ओर दिखाई देते हैं।

इनकी स्थापना, काल परिस्थितयों की आवश्यकता के अनुसार हमारे 'पूर्व-ज्ञानियों' ने 'सद-मानव' बनने की प्रेरणा देने के लिए ही किया था।

यदि हम "ईश्वर" से जुड़ना चाहते हैं तो सर्वप्रथम हमें 'स्वयं' के 'प्रकृति' के प्रति विशुद्ध प्रेम को अपने हृदय में अनुभव करते रहना होगा।

क्योंकि 'हमारा' 'प्रकृति' का निर्माण "परमेश्वरी" ने स्वयं 'अपने' हाथों से किया है।"


----------------------------------------Narayan

"Jai Shree Mata Ji"'


30-10-20

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