Saturday, August 10, 2019

"Impulses"--501--· "निजता-अतिक्रमण"


· "निजता-अतिक्रमण"


"बहुदा सहजियो के बीच यह देखा गया है कि जब भी वे किसी ध्यान के कार्यक्रम के दौरान आपस में कहीं मिलते हैं।

तो एक दूसरे के आध्यात्मिक ध्यान-अनुभवों से लाभ उठाने के स्थान पर केवल भौतिक स्तर पर एक दूसरे के बारे में जानने के अत्यंत उत्सुक होते हैं।

और अपना अन्य सहजी का बेशकीमती समय इन मूर्खतापूर्ण प्रश्नों में व्यर्थ कर देते हैं।

बड़ा ही आश्चर्य होता है यह देखकर कि वो अपना सम्पूर्ण चित्त दूसरे सहजी के निजी जीवन निजी रिश्तों,निजी गतिविधियों निजी जिंदगी की बातों को जानने में ही लगाए रखते हैं।

ऐसे 'अर्धविकसित-चेतना-स्तर-धारी' सहजियों के द्वारा अक्सर अन्य सहजी से कुछ निम्न इस प्रकार के प्रश्न पूछे जाते हैं, कि:-

आप क्या करते हो ?

आपकी जाति क्या है ?

आपके परिवार में कौन कौन सहज करते हैं ?

शादी हो गई या अभी होनी है ?

अभी तक क्यों नहीं हुई, क्या कारण हैं ?

क्या आपकी पत्नी/अथवा पति सहज में है ?

आपके कितने बच्चे हैं ?

आप जब आते हो तो बच्चे किसके पास रहते है ?

क्या आपकी पत्नी/पति/परिवार में सहज को लेकर कोई झगड़ा तो नहीं होता ?

आप अकेले रहते हो या कोई और भी आपके साथ है ?

क्या आपके पति/पत्नी आपके साथ नहीं आते ?

आप कैसे आये हो ?

किसके साथ आये हो ?

कितने बजे चले ?

कैसे यहां पहुंचे ?

चलने से पहले हमें क्यों नहीं बताया ?

कब तक के लिए यहां रहोगे ?

कहाँ ठहरोगे ?

किसके साथ जाओगे ?

इस कार्यक्रम के बाद कहाँ जाओगे ?

किसके घर रुकोगे ? आदि आदि।

ऐसा प्रतीत होता है कि हम आत्मिक रूप से जागृति के मार्ग पर चलने वाले मानव से मिल कर किसी सी.आई.डी अधिकारी से मिल रहे हैं।

जिसको हमारे सांसारिक जीवन के बारे में जानना अत्यंत आवश्यक है, और हम अपनी निजी जिंदगी के समस्त पहलुओं के बारे में बताने के लिए बाध्य हैं।

और यदि दुर्भाग्य से किसी सहजी का बाह्य जीवन अत्यंत संघर्षमई, कठिन विपरीत हो और वह गलती से ऐसे 'जासूस-प्रवृति' वाले सहजी को अपने जीवन के बारे में बता दे।

तो बस उसके बाह्य जीवन की बातें उस तथाकथित आत्मीय-सहजी के द्वारा आम कर कर दी जाती हैं और वह समस्त सहजियों के बीच नकारात्मक चर्चा का शिकार बन जाता है।

मेरी चेतना ऐसे समस्त सहजियों से निवेदन करती है कि यदि उन्हें इस प्रकार के प्रश्नों का सामना करना पड़े।

तो बिना विचलित हुए उत्तर देने के स्थान पर मौन हो जाएं और मुस्कुरा दें ताकि पूछने वाला समझ जाएं कि उनके प्रश्न निर्थक हैं जिनके वे उत्तर नहीं देना चाहते।

यदि फिर भी पूछने वाले आपकी प्रतिक्रिया को समझते हुए अपने प्रश्न जारी रखें। तब अत्यंत शांति धैर्य के साथ उनसे कहें, 'क्या हम थोड़ी देर ध्यान का आनंद उठाएं या ध्यान की बाते करें।

तो निश्चित रूप से वह पूछना बंद कर देंगे अथवा आपसे दूर चले जायेंगे।

वास्तव में जब दो सहजी समान पूरक चेतना-स्तर के होते हैं तो वे स्वत् ही अपनी आवश्यकतानुसार बिन पूछे ही आपस में कुछ अपनी बातें शेयर कर लेते हैं।

क्योंकि वे आंतरिक रूप से जानते हैं हैं कि दूसरा सहजी उनकी बातें समझेगा अपने अनुभवों के आधार पर उसकी उचित मदद करेगा।

किन्तु हमें किसी भी सहजी से उसकी जाति जिंदगी के बारे में पूछने का कोई अधिकार नहीं है। वास्तव में इस प्रकार की बातों को जानने पूछने की इच्छा हमारे स्वयम के निम्न चेतना स्तर को ही उजागर करती हैं।

बल्कि सच्चाई यह है कि इस प्रकार की बाते सहज विरोधी हैं साथ ही यह बाते हमारे आध्यात्मिक उत्थान के स्थान पर हमें पतन की ओर ही धकेल देती हैं।

हमको अपने अन्तःकरण में समझना होगा कि आत्मसाक्षात्कार प्राप्त करने के उपरांत हम केवल और केवल एक जागृति की ओर उन्मुख 'जीवात्मा' ही होते हैं जिनको "श्री माँ" से जुड़कर 'परम लक्ष्य' हांसिल करना है।

अतः जितना भी समय हमें अपने आत्म-विकास के लिए मिले उसे व्यर्थ की बातों में व्यय करके उसका लाभ उठाना चाहिए।

और जितना हो सके एक दूसरे के वास्तविक अनुभवों आत्मज्ञान के माध्यम से स्वम् की चेतना को विकसित करने की ओर अग्रसर होते जाना चाहिए।

'जितना समय हम घोर अज्ञानता वश दूसरों के जीवन के बारे में जानने उन पर चर्चा करने में बेकार कर देते हैं। उससे काफी कम समय में हम अपने आंतरिक अस्तित्व को अपने संज्ञान में लेकर काफी उन्नत हो सकते हैं।'

'वास्तव में "श्री माँ" ने हमें आत्मसाक्षात्कार, हमारे अन्तर्निहित दिव्य अस्तित्व के बारे में जानने के लिए दिया है कि अन्यों के जीवन में ताका-झांकी करने के लिए।'

"एक जागृति की ओर चलने वाले मानव के भीतर में केवल और केवल एक ही वास्तविक जिज्ञासा होनी चाहिए।

कि 'मैं' कौन हूँ ?

मेरे जीवन का 'स्रोत' क्या है ?

मेरा वास्तविक उद्देश्य क्या है ?

मेरा अंतिम लक्ष्य क्या है ?"


------------------------------------------------------Narayan

"Jai Shree Mata Ji"


23-03-19


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