Wednesday, July 19, 2017

"Impulses"--388--"जागृत चेतना पर ग्रह-प्रभाव"

"जागृत चेतना पर ग्रह-प्रभाव"

"बहुत से सहजी अभी भी गृह-चाल सितारों में बहुत विश्वास करते है, व् अपने जीवन को अभी भी उन्ही के नजरिये से ही देखते हैं, और अक्सर इन पर अत्यधिक विश्वास कर अपनी मानसिक व् आत्मिक शांति को ही बिगाड़ लेते है।

"श्री माँ" के "श्री चरणों" में आने के वाबजूद भी पंचांग देख-देख कर अपने कार्य करते हैं अनेको ज्योतिष शास्त्रियों से सलाह करके उनके द्वारा सुझाई गए शुभ दिवस व् तिथि में अपने कार्य सम्पन्न करते है।

और अपने जीवन को अच्छा बनाने के लिए विभिन्न प्रकार के रत्न-मोती, हीरा-पन्ना गृहों को शांत करने के लिए अपनी उँगलियों में पहनते है।

मेरी आंतरिक समझ व् चेतना के अनुसार यदि किसी के साथ कोई भी नकारात्मक गृह की महा दशा, अंतर्दशा या प्रत्यंतर दशा चल रही हो तो केवल एक छोटा सा कार्य करना है।

कि जिस कार्य को भी आप सफल बनाना चाहते हैं, उसकी सफलता या विफलता की ओर से अपना चित्त हटा लें और उसकी चिंता करे बिना लगातार कार्य करते रहें।क्योंकि नकारात्मक गृह हमारे विपरीत समय हमें कष्ट देने के लिए हमारे चित्त के विरोध में ही कार्य करतें हैं। 


यदि चित्त व् चेतना में "श्री माँ" को बसा लिया जाये तो बेचारे ये नकारात्मक गृह बेकार हो जाते हैं और "श्री माँ" की कृपा से पुरूस्कार देने के लिए बाध्य हो जाते हैं, यानि कोई अवरोध नहीं आता।"

-----------------------------------------------------Narayan
"Jai Shree Mata Ji"

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