Thursday, October 13, 2016

"Impulses"--310

"Impulses"

1)मानव की सबसे बड़ी चिंता है कि उसके जीवन की समस्त आवश्यक वस्तुए व् स्थितियां उसे समय समय पर उपलब्ध होती रहें। इसी के लिए रात-दिन वो येन-केन-प्रकारेण उन समस्त साधनों के एकत्रीकरण में ही लगा रहता है। जो इन सभी चीजों को उपलब्ध कराने में कामयाब हो जाता है वह 'सफल' मानव कहलाता है।

तो वह मानव समाज में श्रेष्ठ व् अग्रणी कहलाता है, लोग उसको बड़े ही सम्मान की दृष्टि से देखते हैं। और जो किन्ही कारणों से उन समस्त साधनो से वंचित रह जाता है तो लोग उसको हेय दृष्टि से देखते हैं और अक्सर उसको लोगों की 'दया' का पात्र बनना पड़ता है

जरा थोड़ी देर अपने भीतर झाँक कर चिंतन करके देखें कि हमारा जीवन एक यात्रा ही तो है। बहुत सारा सामान अपने ऊपर लाद कर क्या हम आसानी से चल सकते हैं। यदि नहीं तो फिर इतना सारा बोझा एकत्रित करने का औचित्य क्या है।


2)"आज के इंसान की एक बड़ी गंभीर समस्या है की वो खुद से ही सदा दूरी बनाये रखता है,क्योंकि वो अक्सर दूसरों के जैसा बनने का प्रयास करता रहता है। इसी चक्कर में वो तो दूसरों जैसा बन पाता है और ही अपने करीब पाता है

यदि मानव अपने को पूर्ण हृदय से स्वीकार करे और अपने भीतर झाँक कर नित्य अपने को नमन करे। और हृदय में सदा ये भाव रखे कि मुझे केवल अपने जैसा ही बनना है तो उसकी सारी पीड़ाएँ व् दुःख स्वतः ही समाप्त हो जाएंगे। और वो रात-दिन हर चीज के लिए "परमात्मा" को धन्यवाद देते हुए आनंद के साथ अपना जीवन व्यतीत करे।"
------------------------------------------------Narayan
"Jai Shree Mata Ji"

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