Monday, January 17, 2022

"Impulses"-563- "आत्मज्ञान' रूपी दीपक"

  "आत्मज्ञानरूपी  दीपक"


"जब तक 'आत्मज्ञान' रूपी 'दीपक' हमारे हृदय में प्रज्वलित नहीं होगा तब तक हमारे अन्तःकरण में अज्ञानता असत्य का अंधकार बना ही रहेगा।

और 'मानवीय चेतना' मन की अकुलाहट पीड़ा में जकड़ कर अत्यंत व्याकुल दुखी होकर सदा छटपटाती रहेगी।

*यदि मानव अपनी दृष्टि सदा अपने भीतर में रहने वाली 'आत्मा' पर निरंतर बनाये रखे तब ही जाकर आन्तरिक 'उजास' में जीवन के 'सत्य' का भान हो पायेगा।*

इस 'दीवाली' के पावन पर्व पर यह चेतना आप सभी के लिए "परमपिता" से प्रार्थना करती है कि "वे" आप सभी की आत्मा को प्रकाशित कर आपको 'वास्तविक दीवाली' का आनंद प्रदान करें।"

'May this Diwali brings lots of Happiness, Prosperity,Peace & Joy to you and to all your Beloved Ones."


----------------------------------Narayan

"Jai Shree Mata Ji"


14-11-2020

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