Thursday, January 27, 2022

"Impulses"--565--"शक्ति - संवाहक चित्त"

"शक्ति - संवाह चित्त"


*यदि हमारा चित्त सहस्त्रार से ऊपर रहता है तो, यह "माँ आदि शक्ति" की शक्तियों का संवाहक बनता है और यदि सहस्त्रार से नीचे रहता है तो यह अक्सर बुराइयों का ही प्रसार करता है।*

"क्योंकि ऐसी निम्न अवस्था की स्थिति में चक्रों के देवता जागृत नहीं हो पाते जिसकी वजह से हमारा चित्त हमारे विभिन्न चक्रों के दोषों से ग्रसित हो जाता है।

और जब चित्त दोषो से आच्छादित हो जाता है तो यह जहां पर भी जाता है तो भीतर में रहने वाली ऋणात्मकता का ही प्रसार करता है।

साथ ही उस स्थान/व्यक्ति की नकारात्मकता को ही ग्रहण कर हमारे यंत्र में विभिन्न प्रकार की खराबियां ही उत्पन्न करता है।

अतः हर पल अपने चित्त पर चित्त रखे कि यह कहां कहां जा रहा है।"

("Our Attention is the carrier of The Power of "Maa Adi Shakti" when it is above Sahastrara.

And it becomes the conveyor of Evils when it remains below Sahastrara.

So keep on Monitoring your Attention all the Time where it is.")


-------------------------------Narayan

"Jai Shree Mata Ji"


16-11-2020

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