Friday, January 21, 2022

"Impulses"--564-- "सर्वश्रेष्ठ मानव"

 "सर्वश्रेष्ठ मानव"


"मानव को "परमात्मा" ने समस्त प्राणियों से सर्वश्रेष्ठ बनाया है।

क्योंकि मानव ही अपनी चेतना को 'ध्यान-साधना' के माध्यम से चेतना के उच्चतम शिखर तक ले जा सकता है।

ताकि प्रारब्ध-जनित बारम्बार के जीवन-मरण के पीड़ादायी चक्र से मुक्ति मिल सके।

मानव के अतिरिक्त अन्य समस्त प्राणी अपने भोजन प्रबंधन में ही अपना सारा समय व्यतीत कर देते हैं इसीलिए निकृष्ट योनियों में ही भटकते रहते हैं।

*यदि मानव भी अन्य प्राणियों की तरह अपना सारा कीमती समय धनार्जन/भोजन व्यवस्था में ही लगा दे।*

*तो उसको भी इस जीवन के बाद 'निम्न योनियों' में फिर से धकेल दिया जाएगा।क्योंकि उसने 'सर्वोत्तम योनि' में होने का कोई भी लाभ नहीं उठाया।*

मानव प्रत्यक्ष रूप में जो भी धन सम्पदा के रूप में अर्जित करता है वह तो यहीं छूट जाता है।

तो क्यों इस मानव जीवन में कुछ ऐसा कमाया जाय जो जीवन की अगली यात्रा में काम आए निम्न योनियो के गर्त में जाने से भी बच जाए।"

------------------------------------Narayan

"Jai Shree Mata Ji"


15-11-2020

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