Friday, March 4, 2022

"Impulses"--578--"जीवात्मा का मातृत्व पर ऋण"

 "जीवात्मा का मातृत्व पर ऋण"

 

"हमारे देश के अधिकतर घरों में यदि बच्चे अपनी 'जन्मदात्री' के गलत आचरण/व्यवहार/बातों/सोचों जबरदस्ती के प्रति अपनी नाइत्तेफाकी/नाराजगी जाहिर करें।

तो उन बच्चों को अपनी जननियों के द्वारा एहसान दिखाते हुए यह अक्सर सुनने को मिलता रहता है कि,'हमने तुमको पैदा किया पालपोस कर बड़ा किया है,और तुम हमारी बात को गिरा रहे हो।

वास्तव में अपने बच्चों से ऐसा बोलने वाली महिलाओं को कुछ देर के लिए चिंतन अवश्य करना चाहिए,

*कि जन्म से पूर्व क्या उनके बच्चों की 'जीवात्मा' ने उन महिलाओं से निवेदन किया था कि वे उनको अपनी कोख से जन्म दे दें।*

क्या यह सत्य नहीं है कि वे स्वयं अपने समाज में अपना सम्मान बनाये रखने बुढ़ापे में सहारे की गरज से सन्तान को जन्म देना चाहती थीं।

और यदि उन्होंने अपनी संतान को पैदा किया है तो क्या आस पड़ोस के लोग उनकी सन्तान का लालन-पालन करेंगे ?

*यदि ऐसा विचारा जाता हैं कि सन्तान पर जन्म देने वाली का ऋण है तो सन्तान का भी ऋण जन्म दात्री पर बनता है।*

क्योंकि सन्तान की जीवात्मा ने यदि उनको माँ बनने का गौरव प्रदान किया होता,तो वे समाज में हेय दृष्टि से देखी जातीं।"


-------------------------------------Narayan

"Jai Shree Mata Ji"


30-11-2020

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