Saturday, March 19, 2022

"Impulses"--583--"अति महत्वकांशी सदा हानिकारक"

 "अति महत्वकांशी सदा हानिकारक"


*जो भी मनुष्य बिना अपने विवेक का उपयोग किये किसी अति महत्वाकांशी व्यक्ति की विचारधाराओं का अंधानुकरण करने लगते हैं।*

*तो वे किसी गडरिये के द्वारा हाँकि जाने वाली भेड़-बकरियों के समान ही होते हैं।*

क्योंकि जब वह गड़रिया उन्हें चराने ले जाता है तो अज्ञानता के कारण वे भेड़-बकरियां उस गडरिये को ही अपना 'पालनहार' मान बैठती हैं।

और इसी अंधविश्वास के कारण उसके इशारों पर आंख मूंद कर चलना प्रारम्भ कर देती हैं।

*और एक दिन यही गडरिया उन भेड़-बकरियों को कुछ धन के बदले कसाई के हवाले करके चला जाता है।*

यहां तक कि वह अपने भोजन की आवश्यकता पूरी करने के लिए उनको अपने घर में लाकर जिबह करने में भी परहेज नहीं करता।

*दुर्भाग्य से आंख मूंद कर चलने की आदत के कारण भेड़-बकरियों को इस बात का एहसास तब तक नहीं होता जब तक उनकी गर्दन पर छुरी नहीं चल जाती।*

इसीलिए यदि किसी की बातों/विचारधाराओं का अनुसरण करने की इच्छा हो तो उस मानव के कार्यों को एक बार अपने हृदय की कसौटी पर कस कर जरूर देख लेना चाहिए।

क्योंकि अति महत्वकांशी कभी भी किसी का हितैषी नहीं हो सकता वह तो अपनी अतृप्त इच्छाओं को पूरा करने के लिए अपनो तक को नहीं बख्शता।"

-----------------------------------------Narayan

"Jai Shree Mata Ji"


05-12-2020

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